- शिंदे गुट को मालूम होना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं उतरे हैं: राउत
- पवार पर केंद्रीय मंत्री के बयान को बताया अस्वीकार्य
- एक केंद्रीय मंत्री द्वारा शरद पवार जी को धमकियां दी जा रही हैं- राउत
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच बयानबाजी भी जारी है। एक तरफ जहां शिंदे कैंप का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है तो वहीं उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना भी फिसलती हुई नजर आ रही है। इन सबके बीच संजय राउत लगातार अपनी सरकार और पार्टी का बचाव करते हुए नजर आ रहे हैं। उनके एक बयान ने कल महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खलबली मचा दी थी, जब उन्होंने कहा था कि शिंदे अगर चाहे तो शिवसेना महाविकास अघाड़ी से गठबंधन तोड़ सकती है।
पवार के लिए ऐसी भाषा स्वीकार नहीं- राउत
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने आज एक बार फिर ट्वीट करते पीएमओ को टैग किया है। राउत ने कहा, 'बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि अगर महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को बचाने की कोशिश की गई तो शरद पवार को घर नहीं जाने दिया जाएगा। एमवीए सरकार बचे या ना बचे लेकिन शरद पवार के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग करना स्वीकार्य नहीं है। एक केंद्रीय मंत्री द्वारा शरद पवार जी को धमकियां दी जा रही हैं। क्या ऐसी धमकियों को मोदी जी और अमित शाह जी का समर्थन है? हम (विद्रोही) विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।'
एकनाथ शिंदे को धमकी भरे अंदाज में चेताते हुए राउत ने कहा, 'एकनाथ शिंदे गुट जो हमें चुनौती दे रहा है, उसे यह महसूस करना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़कों पर नहीं उतरे हैं। इस तरह की लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़कों पर। जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे'
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पहले राउत ने दिया था ये बयान
इससे पहले गुरुवार को संजय राउत ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बाहर निकलने के लिए पार्टी की तत्परता के बारे में बागियों को एक सशर्त पेशकश की थी। राउत ने मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागियों के समूह को एक और चुनौती देते हुए कहा, 'हम एमवीए से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते विद्रोही 24 घंटे के भीतर मुंबई लौट आए और शिवसेना के साथ चर्चा करें। 24 घंटे के भीतर यहां आएं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साहब के सामने बैठें और उन्हें अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करें। हम निश्चित रूप से उन पर विचार करेंगे।' उन्होंने शिंदे गुट से असम में बैठे सोशल मीडिया या फोन संदेशों या पत्रों या बयानों पर संवाद करना बंद करने का आह्वान किया और सच्चे शिव सैनिकों की तरह, मुंबई आने की हिम्मत दिखाने को कहा।
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