- संजय राउत ने कहा कि शरद पवार को धमकी देना ठीक बात नहीं है
- राउत ने कहा कि शिवसैनिक अभी सड़कों पर नहीं उतरे हैं
- ऐसी लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़क पर उतर कर
Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों देल-शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी एक साथ हैं। राउत ने कहा कि गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार को धमकी दी गई, उन्हें धमकी देना ठीक बात नहीं है। शिवसेना नेता ने धमकी के बारे में एक ट्वीट भी किया है। भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए शिवसेना राउत ने कहा कि भाजपा चोरी से सत्ता हासिल करने की कोशिस कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में सोचना होगा। राउत ने कहा कि जो विधायक शिवसेना को छोड़कर गए हैं उन्हें आगे पश्चाताप करना होगा। महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन अहम हो सकता है बागी नेता एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है।
...तो शिवसैनिक सड़कों पर उतरेंगे
राउत ने कहा, 'एक केंद्रीय मंत्री की ओर से शरद पवार जी को धमकी दी जा रही है। क्या पीएम मोदी और अमित शाह जी इस तरह की धमकी का समर्थन करते हैं? हम बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। शिंदे गुट हमें चुनौती दे रहा है। उन्हें यह बात पता होना चाहिए कि शिवसेना के कार्यकर्ता अभी सड़क पर नहीं उतरे हैं। इस तरह की लड़ाई या तो कानून के जरिए लड़ी जाती है या सड़क पर। जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।'
सारा 'खेल' उद्धव के कहने पर हो रहा है-सूत्र
एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में ये सारा 'खेल' उद्धव ठाकरे के कहने पर हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक एनसीपी नेता यह मान रहे हैं कि बगावत की यह सारी स्क्रिप्ट उद्धव ने लिखी है क्योंकि ढाई साल बाद वह गठबंधन से अलग होना चाहते हैं। पार्टी में हुई इस बगावत को गठबंधन तोड़ने को एक तरह से सही ठहराने की कोशिश की है। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना ढाई साल बाद भारतीय जनता पार्टी से सुलह करना चाहती है। उसे गठबंधन से अलग होने के लिए एक ठोस वजह चाहिए, इस पूरे प्रकरण में शिंदे को केवल मोहरा बनाया गया है। शिवसेना में फूट की उद्धव की एक चाल है।