क्या हिंदुस्तान में साधु-संतों की जान की कोई कीमत नहीं है। आपको पालघर याद होगा, जहां संतों की हत्या को करप्ट सिस्टम ने एक मिस्ट्री बना डाला। अब राजस्थान में एक संत का आत्मदाह करना, जान दे देना फिर से यही सवाल खड़े कर रहा है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान में भरतपुर के संत विजयदास की। जिन्होंने आज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया लेकिन ये कैसे हुआ, आपको मालूम होना चाहिए।
भरतपुर में अवैध खनन को लेकर साधु-संत 551 दिन से विरोध जता रहे थे। जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में साधु-संत पिछले डेढ साल से आंदोलन कर रहे थे। 20 जुलाई को बड़ी संख्या में संत आंदोलन के लिए जुटे, इसी दौरान संत विजयदास ने खुद को आग लगा ली थी। जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन शुक्रवार की रात सफदरजंग अस्पताल में उनका निधन हो गया।
राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि संत की मौत के लिए सीधे सीधे गहलोत सरकार जिम्मेदार है। भरतपुर में के नगर विधायक वाज़िब अली ने संत विजयदास के आत्मदाह को प्रशासन का फेल्योर कहा और उचित जांच की मांग की। आप उनका ये आरोप सुनें तो ये भी ध्यान में रखें कि वाजिब अली कांग्रेस के ही विधायक हैं।
राजस्थान में खनन करप्शन पर कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने भी खनन माफियाओं को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सीएम गहलोत को चिट्टी लिख दी। आरोप लगाया है कि खनिज मंत्री ही राज्य में सबसे बड़े खनन माफिया हैं और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
खनिज मंत्री प्रमोद भाया ने कांग्रेस विधायक भरत सिंह के आरोपों का जवाब दिया। प्रमोद भाया ने जवाबी चिट्ठी में लिखा कि भरत सिंह विपक्ष के कुप्रचार से प्रभावित हैं। पिछले 5 साल में खनन से राजस्व बढ़ा है। साथ ही सोरसन में कोई अवैध खनन नहीं हुआ है। लेकिन यहां मसला कुछ और भी है। गहलोत राज में क्राइम आउट ऑफ कंट्रोल है।
कन्हैयालाल की हत्या
'जेहादी' गौस-रियाज बेखौफ थे
राजस्थान में खुलेआम जेहादी नारे लगते हैं
संत विजयदास ने आत्मदाह किया
खनन माफिया से परेशान थे
राजस्थान में आम इंसान सुरक्षित नहीं
इसीलिए आज के सवाल हैं
राजस्थान में संत की मौत, जिम्मेदार कौन ?
खनन माफिया को छूट से संत का आत्मदाह ?
न जेहाद पर काबू, न खनन माफिया पर ?
राजस्थान में सुरक्षित नहीं आम इंसान ?
गहलोत जी..क्राइम पर कंट्रोल क्यों नहीं ?