लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) : तिकोनिया कांड मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी समेत विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसानों का 75 घंटे का धरना शुक्रवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। संयुक्त किसान मोर्चा नेता लखीमपुर खीरी में अपने धरना प्रदर्शन के अंतिम दिन शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकालेंगे। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने देश के किसानों को अपने मुद्दों के समाधान के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। टिकैत ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रव्यापी आंदोलन कब, कहां और किस तरह से होगा, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता उचित समय पर इस बारे में जानकारी देंगे। एसकेएम को मजबूत करने का आह्वान करते हुये टिकैत ने कहा कि अगर एसकेएम कमजोर हो जाता है, तो सरकारें किसानों पर हावी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि तिकोनिया कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए कानून भी किसानों का एक बड़ा मुद्दा है।
उल्लेखनीय है कि धरना स्थल राजापुर मंडी समिति में शुक्रवार को भी विभिन्न राज्यों से किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे। लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पैतृक जिला है और वह खीरी से लगातार दूसरी बार भाजपा के सांसद हैं। पंजाब के बीकेयू-चढूनी धड़े के पदाधिकारी भी आंदोलनकारी किसानों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए आंदोलन स्थल पर पहुंचे। चढूनी धड़ा संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा कोर कमेटी के सदस्य दर्शन सिंह पाल, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर सहित प्रमुख नेता बृहस्पतिवार को शुरू हुए इस धरने में शामिल हुये हैं। इनके अलावा, किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क, रंजीत राजू, अशोक मित्तल, दीपक लांबा, भाकियू -टिकैत राष्ट्रीय संगठन सचिव भूदेव शर्मा और पंजाब के अन्य प्रमुख किसान नेता धरने में शामिल हैं। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने भी किसानों को संबोधित किया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि पूरा देश तिकुनिया हिंसा के बारे में अच्छी तरह से जानता है और यह भी सबको पता था कि हिंसा भड़काने वाले कौन थे। अजय कुमार मिश्रा को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी का आरोपी बताते हुए टिकैत ने कहा, "यह विडंबना है कि मंत्री अब भी अपने पद पर बने हुये हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी अपराध करने के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित है।
टिकैत ने कहा कि 75 घंटे लंबे धरने के बाद भी किसानों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए। टिकैत ने कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने के अलावा जेल में बंद निर्दोष किसानों की रिहाई, एमएसपी गारंटी कानून, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, गन्ना बकाया का भुगतान और सरकार के भूमि अधिकार समेत कई अन्य मुद्दे किसानों के सामने हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अजय कुमार मिश्रा का मुद्दा किसानों के आंदोलन के दौरान शीर्ष पर बना रहेगा, चाहे वे कर्नाटक, उप्र या देश के किसी अन्य हिस्से में हों। टिकैत ने आरोप लगाया कि उप्र और उत्तराखंड में सिख समुदाय से उनकी जमीन छीनने के लिए एक साजिश रची जा रही है लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ऐसा कभी नहीं होने देगा।
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के गांव जा रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध करने के दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। इस मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बतौर मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार किया गया है। किसानों की मांग है कि इस मामले को लेकर अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
पंजाब के प्रमुख किसान नेता दर्शन सिंह पाल ने कहा कि प्रशासन शुरू में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को गिरफ्तार किसानों से जेल में मिलने देने के लिए तैयार नहीं था, लेकिन यह किसानों की एकता थी, जिसने 10 सदस्यों को जेल में बंद किसानों से मिलने देने का मार्ग प्रशस्त किया। धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के बैठने के लिए मंडी समिति परिसर में छह शेड लगाए गए हैं। इनमें से एक शेड को मुख्य सभा स्थल में तब्दील किया गया है जबकि किसानों के लिए लंगर का इंतजाम भी किया गया है।
इससे पहले दिन में, टिकैत ने एसकेएम की कोर कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ शहर के एक गुरुद्वारे में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। एसकेएम नेताओं ने बयान में कहा कि शनिवार को खीरी जिलाधिकारी कार्यालय तक सड़कों पर मार्च निकालने का फैसला सर्वसम्मति से किया गया है। वहीं, राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन सिंह पाल और जोगिंदर सिंह के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार दोपहर जिला जेल का दौरा किया और तीन अक्टूबर, 2021 की तिकुनिया हिंसा के सिलसिले में जेल में बंद चार किसानों से मुलाकात की।