नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घटनाओं पर दुख व्यक्त किया और दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान आतंकवादियों ने इस तरह के हमले करने की हिम्मत नहीं की थी। मलिक ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान कोई भी आतंकवादी श्रीनगर की 50-100 किलोमीटर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सका। लेकिन अब श्रीनगर में आतंकी गरीबों की हत्या कर रहे हैं। यह वास्तव में दुखद है।
सत्यपाल मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान ही अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था। वह अब मेघालय के राज्यपाल हैं।
कुलगाम में दो प्रवासी कामगारों की भीषण हत्याओं के संबंध में उनका बयान आया है। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। शनिवार को श्रीनगर और पुलवामा में आतंकियों के लगातार दो हमलों में बिहार के एक रेहड़ी वाले और उत्तर प्रदेश के एक मजदूर की मौत हो गई। इस महीने में अब तक नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो चुकी है।