नई दिल्ली : रामलीला मैदान में आयोजित शनिवार को भारत बचाओ रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने 'रेप इन इंडिया' बयान पर बीजेपी की ओर माफी की मांग किए जाने पर पलटवार करते हुए कहा था कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं हैं। साथ ही कहा कि सच बोलने के लिए मैं कभी माफी नहीं मांगने वाला हूं। इसके बाद शिवसेना ने उनके बयान पर नाराजगी जताई थी। अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर ट्वीट कर निशाना साधा है।
मायावती ने ट्वीट किया, शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है? अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी।
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि संसद में शुक्रवार को बीजेपी के लोगों ने कहा कि मैं अपने भाषण के लिए माफी मांगूं। मुझे कहते हैं कि सही बात बोलने के लिए माफी मांगो। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मेरा नाम राहुल गांधी है। मैं सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा। मर जाऊंगा मगर माफी नहीं मांगूंगा औक न कोई कांग्रेस वाला माफी मांगेगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी को देश से माफी मांगनी है। उनके जो असिस्टेंट हैं, अमित शाह, उनको देश से माफी मांगनी है।
कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल शिवसेना ने राहुल गांधी के बयान की तीखी आलोचना की थी और कहा था कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ट्वीट किया किया था कि वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं। सावरकर का नाम राष्ट्र और स्वयं के बारे में गौरव को दर्शाता है। नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। ऐसे प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता।' राउत ने कहा कि हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी में विश्वास करते हैं। आप वीर सावरकर का अपमान न करें।'