- राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्व पर दिया था बयान
- बीजेपी और आरएसएस को हिंदुत्ववादी बताया था
- राहुल गांधी के बयान पर सियासी हमला हुआ तेज
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में जयपुर की रैली में हिंदू और हिंदुत्व के बारे में बताया था कि कौन हिंदू है और कौन हिंदुत्ववादी। उन्होंने महात्मा गांधी को हिंदू और गोडसे के पुजारियों को हिंदूत्ववादी करार दिया। उनके इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और अब संघ के कद्दावर चेहरे इंद्रेश कुमार ने भी निशाना साधा।
राहुल गांधी पर इंद्रेश कुमार ने साधा निशाना
इंद्रेश कुमार ने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व के बारे में सामान्य जानकारी की कमी है। हिंदू और हिंदुत्व एक दूसरे से अलग नहीं हैं। हिंदुत्व के बगैर हिंदू सजीव नहीं रह सकता। अगर राहुल गांधी इस तरह की बातें करते हैं तो इसका अर्थ यह है कि आत्मा को उसकी शरीर से अलग कर दिया हो। हकीकत में उन्हें अधूरी जानकारी है।
जयपुर में राहुल गांधी ने क्या कहा था
हिंदुत्ववादी केवल सत्ता चाहते हैं और वे 2014 से सत्ता में हैं। हमें इन हिंदुत्ववादियों को सत्ता से बाहर करने और हिंदुओं को वापस लाने की जरूरत है," राहुल गांधी ने कहा। "हिंदू कौन है? जो सबको गले लगाता है वह किसी से नहीं डरता, और हर धर्म का सम्मान करता है, जबकि एक हिंदुत्ववादी अपने डर के आगे झुक जाता है... भारतीय राजनीति में आज दो दुनियाओं के बीच एक प्रतिस्पर्धा है - 'हिंदू' और 'हिंदुत्ववादी'। दोनों शब्दों के अलग-अलग अर्थ हैं। मैं हिंदू हूं लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं... महात्मा गांधी हिंदू थे लेकिन गोडसे हिंदुत्ववादी थे।
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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि 2014 के बाद 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने अपने आप में बदलाव करने की कोशिश की। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं ने मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश की वो अल्पसंख्यक परस्त पार्टी नहीं है। लिहाजा राहुल गांधी ने मंदिरों के चक्कर लगाना शुरू कर दिए। अब जबकि अगले साल यानी 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं तो कांग्रेस की तरफ से बीच वाला रास्ता अपनाते हुए इस तरह का राग छेड़ा गया है।