- शरद पवार ने साफ कर दिया है कि वह यूपीए का नेतृत्व करने के रेस में नहीं है।
- साथ ही उन्होंने कांग्रेस के बिना किसी मजबूत विपक्ष के गठबंधन की संभावना को भी खारिज कर दिया है।
- शरद पवार के बयान से ममता बनर्जी को झटका लग सकता है।
Sharad Pawar: महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों से कई सियासी संकेत सामने आ रहे हैं। पहले तो महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भाजपा नेता नितिन गडकरी से मुलाकात की और अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)प्रमुख शरद पवार का बयान सामने आया है। रविवार को कोल्हापुर में शरद पवार ने कहा कि वह भाजपा विरोधी किसी मोर्चे का नेतृत्व नहीं करने जा रहे हैं और न ही वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के अध्यक्ष बनने के इच्छुक हैं।
नेतृत्व सहयोग को तैयार
शरद पवार ने कहा कि हमारी पार्टी (एनसीपी) के कुछ युवा कार्यकर्ताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर मुझे यूपीए का अध्यक्ष बनने के लिए कहा। लेकिन मुझे उस पद में जरा भी दिलचस्पी नहीं है। मैं इसमें नहीं पड़ने वाला और मैं वह जिम्मेदारी नहीं लूंगा। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को हराने के लिए कोई विकल्प मुहैया कराने की कोशिश की जाती है तो मैं इस तरह के मोर्चे को सहयोग, समर्थन और मजबूत करने के लिए तैयार हूं।
कांग्रेस के बिना मजबूत मोर्चा संभव नहीं
शरद पवार ने यह भी कहा कि जब यह कहा जाता है कि विपक्ष को एक साथ आना चाहिए तो कुछ तथ्यों की उपेक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। ममता बनर्जी की टीएमसी पश्चिम बंगाल में सबसे मजबूत पार्टी है और उन्हें लोगों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही दूसरे क्षेत्रीय दल भी अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं लेकिन कांग्रेस भले ही अभी सत्ता में नहीं है कि लेकिन उसकी अखिल भारतीय मौजूदगी है। उसके देश के हर गांव, जिले और राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल जाएंगे। ऐसे में हकीकत यही है कि कांग्रेस, जिसकी व्यापक उपस्थिति है, उसको भाजपा को हराने के लिए एक विकल्प प्रदान करते हुए साथ लेना चाहिए।
नहीं तो पुतिन, शी जिनपिंग जैसा हो जाएगा हाल
विपक्ष की कमजोरी पर पवार ने कहा कि अगर केवल एक पार्टी मजबूत है तो वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरह बन जाएगी। या फिर चीन के शी जिनपिंग जैसा हो जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि भारत में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में इस समय महंगाई बड़ी चिंता का विषय है। इस तरह उन्होंने आरोप लगाया कि कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए किया जाता है।