नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुंबई में राष्ट्रीय राजधानी पिछले कुछ दिनों से जल रही है। केंद्र में सत्तारूढ़ दल (BJP) दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सका और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर समाज को विभाजित करने का प्रयास किया।
संसद में उठेगा दिल्ली हिंसा का मामला
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा के मसले को संसद में उठाने का फैसला किया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'इन लोगों की वजह से दिल्ली हिंसा से लेकर भारत के अन्य हिस्सों में बिगड़े हालातों को हम आगामी संसद सत्र में उठाएंगे और उन्हें उजागर करेंगे। हम गृह मंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं और इस मुद्दे को भी उठाएंगे।'
'हिंसा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'
संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, 'विपक्षी सदस्य कल से शुरू हो रहे संसद सत्र में दिल्ली हिंसा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दे रहे हैं। इस बात पर बहस होनी चाहिए कि हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि ऐसा दोबारा न हो। लेकिन किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए।'
अमित शाह का इस्तीफा मांगेगी कांग्रेस
कांग्रेस दिल्ली हिंसा को दिल्ली पुलिस की नाकामी ठहराते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो रहा है। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला था। राज्यसभा सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि कांग्रेस देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का मुद्दा संसद में उठाने की पुरजोर कोशिश करेगी।
सिंघवी ने कहा कि संसद के भीतर और बाहर विरोध का तरीका, साझा रणनीति का हिस्सा होगा और यह ऐसा विषय नहीं है जिसे सार्वजनिक किया जाए। देश इस बात के लिए आश्वस्त है कि हम गैरकानूनी तरीके से किए जा रहे चरम शोषण के बावजूद पूरी ताकत से बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे।