नई दिल्ली : भड़काऊ भाषण से सुर्खियों में आए जेएनयू छात्र शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में उसके खिलाफ छह राज्यों- बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मणिपुर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कई केस दर्ज किए गए हैं। उस पर देशद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है। शरजील की तलाश में पुलिस ने रविवार से ही कई स्थानों पर छापेमारी की थी।
जेएनयू छात्र शरजील इमाम चंद मिनटों का एक विवादित वीडियो पिछले सप्ताह सामने आया था, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। इसमें वह असम को भारत से अलग करने की बात करता सुना जा रहा था, जिसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने इसकी निंदा की थी। बताया जा रहा है कि यह भड़काऊ भाषण उसने 13 जनवरी को अलीगढ़ में दिया था।
शरजील दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों में से एक रहा है। दिल्ली में भी उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को उसे बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि किसी को भी देश के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब अदालत फैसला देगी।
शरजील की तलाश में पुलिस ने रविवार को बिहार के जहानाबाद स्थित काको में उसके पैतृत घर पर छापेमारी भी की थी। इस दौरान पुलिस को वहां शरजील के परिवार का कोई भी सदस्य नहीं मिला। बाद में उसकी मां के नाम से जारी बयान में कहा गया कि उसके बयान को मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया और पुलिस घरवालों को परेशान कर रही है। शरजील की तलाश में जुटी पुलिस ने इस बीच उसके भाई को भी हिरासत में लिया।
शरजील इमाम के परिवार का सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। उसके पिता अकबर इमाम जेडीयू के नेता रहे हैं। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। उसके चाचा अरशद इमाम जेडीयू के प्रखंड स्तर के नेता हैं। उन्होंने भी शरजील का बचाव करते हुए कहा कि उसका विरोध शांतिपूर्ण था, उसने हिंसा की कोई बात नहीं की थी।
शरजील की शुरुआती पढ़ाई जहानाबाद से ही हुई। बाद में उसने आईआईट-बंबई से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई की और फिलहाल जेएनयू से रिसर्च कर रहा है। विवाद के सामने आने के बाद जेएनयू ने भी 3 फरवरी तक उसे अपने समक्ष पेश होने और अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा। इस बीच शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने उसके बयान से खुद को अलग कर लिया है।