- बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 2015 से जेल में थी।
- मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
- मुखर्जी को 2 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया गया।
मुंबई : शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी विशेष सीबीआई अदालत द्वारा 2 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दिए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को भायखला जेल से बाहर आ गई। जेल से बाहर निकलने के बाद उसने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। उसने कहा कि मैं अभी घर जा रही हूं। सहानुभूति और क्षमा। मैंने उन सभी लोगों को माफ कर दिया है जिन्होंने मुझे चोट पहुंचाई है। मैंने जेल में बहुत कुछ सीखा है।
गौर हो कि गुरुवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को 2 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत पर रिहा किए जाने की अनुमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी की जमानत बुधवार को मंजूर ली थी और यहां निचली अदालत को उनकी जमानत संबंधी शर्तें तय करने का निर्देश दिया था। मुखर्जी को हत्या के मामले में साढ़े 6 साल पहले गिरफ्तार किया गया था। वह अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला जेल में बंद थी। सीबीआई के स्पेशल जज वी सी बर्दे ने मुखर्जी को दो सप्ताह के भीतर जमानदार मुहैया कराने का आदेश दिया।
जज ने अपने आदेश में कहा है कि मुखर्जी को अपना पासपोर्ट स्पेशल कोर्ट को सौंपना होगा और वह अदालत की अनुमति के बिना भारत से बाहर नहीं जा सकतीं। कोर्ट ने मुखर्जी को मामले के किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि मुखर्जी को सुनवाई में शामिल होना होगा और वह स्थगन का अनुरोध नहीं कर सकती। जज ने अपने आदेश में कहा कि अगर उपरोक्त शर्तों में से किसी का भी उल्लंघन होता है, तो अभियोजन जमानत रद्द करने के लिए आवेदन कर सकता है।
मुंबई पुलिस ने मुखर्जी को अप्रैल 2012 में अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार किया था। मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।