- 20 साल से अधिक समय तक एनडीए के साथ रहने वाले अकाली दल ने तोड़ा NDA से नाता
- किसान बिल के विरोध में लिया गया पार्टी की बैठक में फैसला
- इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने दिया था मोदी सरकार से इस्तीफा
चंडीगढ़: कृषि विधेयकों को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद अब शिरोमणि अकाली दल ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़ लिया है। अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमिटी के साथ बैठक में इस बात का फैसला लिया। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमत कौर बादल ने इन विधेयकों के विरोध में मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था। हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही अकाली दल NDA से अलग होने का ऐलान कर सकता है। पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह ऐसे गठबंधन में नहीं रह सकते हैं जो किसान विरोधी हो।
सुखबीर का निशाना
अकाली दल सत्तारूढ़ भाजपा लगभग 20 साल से भी अधिक समय से सहयोगी है। अकाली दल की लोकसभा सांसद और सुखबीर की पत्नी हरसिमरत कौर बादल तीनों विधेयकों के विरोध में 17 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुकी हैं। इससे पहले सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, 'द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान को एक एटॉमिक बम (परमाणु बम) से हिला दिया था। अकाली दल के एक बम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिला दिया है। दो महीनों से कोई भी किसानों पर एक शब्द नहीं बोल रहा था लेकिन अब 5-5 मंत्री इस पर बोल रहे हैं।'
राष्ट्रपति से भी थी मुलाकात
इसी हफ्ते की शुरूआत में शिरोमणि अकाली दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की थी और उनसे संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कृषि विधेयकों को स्वीकार नहीं करने का आग्रह किया था। बैठक से बाहर आने के बाद सुखबीर बादल ने मीडिया से कहा कि प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से गुजारिश की कि 'किसानों के खिलाफ' जो विधेयक जबरदस्ती राज्यसभा में पास किए गए हैं, वह उन पर हस्ताक्षर नहीं करें।