- यूपीए की जरूरत पर ममता के बयान से महाआघाड़ी में दरार
- शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए किया कांग्रेस का समर्थन
- UPA के समानांतर दूसरा गठबंधन बनाना यह भाजपा के हाथ मजबूत करने जैसा है- सामना
मुंबई: बड़ी खबर सियासत से जुड़ी हुई है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख के जरिए ममता बनर्जी पर निशाना साधा गया है। कांग्रेस के बिना विपक्ष का नया मोर्चा बनाने में जुटी ममता बनर्जी की मुहिम को शिवसेना ने खारिज किया है। सामना में लिखा गया है कि मुंबई दौरे पर ममता बनर्जी ने पूछा था कि देश में कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA कहां है, लेख में कहा गया है कि अभी विपक्ष को UPA की जरूरत है। सामना में ये भी लिखा गया कि UPA के समानांतर विपक्ष का नया गठबंधन बनाना बीजेपी को मजबूत करेगा।
ममता की तारीफ औऱ सवाल
सामना में लिखे संपादकीय में कहा गया है, 'ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के कारण विपक्षी दलों की हलचलों में गति आई है। कम-से-कम शब्दों के हवा के बाण तो छूट रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के सामने मजबूत विकल्प खड़ा करना है इस पर एकमत हैं ही, लेकिन कौन किसे साथ लें अथवा बाहर रखें इस पर विपक्ष में अभी भी विवाद उलझा हुआ है... बंगाल में ममता बाघिन की तरह लड़ीं और जीतीं। बंगाल की भूमि पर भाजपा को चारों खाने चित करने का काम उन्होंने किया। उनके संघर्ष को देश ने प्रणाम किया है। ममता ने मुंबई में आकर राजनैतिक मुलाकात की। ममता की राजनीति कांग्रेस उन्मुख नहीं है। पश्चिम बंगाल से उन्होंने कांग्रेस, वामपंथी और भाजपा का सफाया कर दिया। यह सत्य है फिर भी कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति से दूर रखकर सियासत करना यानी मौजूदा ‘फासिस्ट’ राज की प्रवृत्ति को बल देने जैसा है।'
यूपीए के समानांतर गठबंधन बनाना मतलब भाजपा को मजबूत करना
इस लेख में आगे कहा गया है, 'देश में कांग्रेस की नेतृत्व वाली ‘यूपीए’ कहां है? यह सवाल मुंबई में आकर ममता बनर्जी ने पूछा। यह प्रश्न मौजूदा स्थिति में अनमोल है। यूपीए अस्तित्व में नहीं है, उसी तरह एनडीए भी नहीं है। मोदी की पार्टी को आज एनडीए की आवश्यकता नहीं। लेकिन विपक्षियों को यूपीए की जरूरत है। यूपीए के समानांतर दूसरा गठबंधन बनाना यह भाजपा के हाथ मजबूत करने जैसा है। यूपीए का नेतृत्व कौन करे? यह सवाल है। कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन किस-किस को स्वीकार नहीं है, वे खुलेआम हाथ ऊपर करें, स्पष्ट बोलें। पर्दे के पीछे गुटर-गूं न करें। इससे विवाद और संदेह बढ़ता है। इसी तरह यूपीए का आप क्या करेंगे? यह एक बार तो श्रीमती सोनिया गांधी अथवा राहुल गांधी को सामने आकर कहना चाहिए।'
बीजेपी ने साधा अघाड़ी सरकार पर निशाना
आपको बता दें कि शरद पवार से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि UPA का कोई अस्तित्व नहीं है और बीजेपी को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों को साथ आना होगा। ममता बनर्जी को लेकर महाअघाड़ी में बंटी हुई राय पर बीजेपी ने भी हमला बोला है। भाजपा नेता रामकदम ने कहा है कि विपक्ष 2024 के मुंगेरी लाल से सपने देख रहा है। राम कदम ने कहा कि ममता पर महाविकास अघाड़ी में मतभेद है और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को साफ करना चाहिए कि वह किसके साथ खड़ी है।