भोपाल : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए गए हैं। नरोत्तम मिश्रा को गृह एवं स्वास्थ्य विभाग, कमल पटेल को कृषि मंत्रालय, तुलसी सिलावट को जल संसाधन, गोविंद सिंह राजपूत को खाद्य प्रसंस्करण और मीना सिंह को आदिवासी कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बता दें कि राजभवन में मंगलवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में 5 मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह मंत्री बने। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की सरकार गिराने एवं भाजपा की सरकार बनने में मुख्य भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्रिपरिषद में अपने अधिक से अधिक वफादारों को शामिल करने के लिये पार्टी पर दबाव बनाते रहे, लेकिन भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने पहले खेप में उनके दो करीबियों को ही जगह दी। हालांकि, कमलनाथ सरकार के छह मंत्री कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
वहीं, भाजपा के तीन वरिष्ठ नेता पहले खेप में मंत्री बनने में सफल रहे। ये तीनों मध्य प्रदेश की भाजपा नीत पूर्व सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे। इस समारोह में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक मेल जोल से दूरी का भी विशेष ध्यान रखा गया था।
इसी बीच, भाजपा के एक नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान 29 दिन तक अकेले ही अपनी कैबिनेट के सदस्य रहे। यह देश में एक रिकार्ड है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित 34 सदस्य मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं। इस प्रकार चौहान अपने मंत्रिपरिषद में 28 और मंत्री शामिल कर सकते हैं।
भाजपा नेताओं के अनुसार संभावना जताई जा रही है कि कोरोना वायरस के चलते तीन मई तक जारी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद चौहान अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें वरिष्ठ भाजपा नेताओं एवं पूर्व मंत्रियों गोपाल भार्गव एवं भूपेन्द्र सिंह को जगह मिल सकती है।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राम बाई के करीबी सूत्रों से पता चला है कि राम बाई भी चौहान के मंत्रिपरिषद में शामिल होना चाहती है। कमलनाथ सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह में राम बाई ने भाजपा का समर्थन किया था।
मंत्रिपरिषद में आज शामिल होने से चूके भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी की लड़ाई की इस महत्वपूर्ण घड़ी में जातिगत समीकरण की बजाय योग्यता एवं कार्यक्षमता को महत्व दिया जाना चाहिए था।