वाराणसी : मुंबई में 1980 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से इंदिरा गांधी की मुलाकात को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत के बयान से उपजा सियासी घमासान अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस-शिवसेना में मतभेद सामने आ गए हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी सावरकर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
अपने वाराणसी दौरे के दौरान स्मृति ने राहुल गांधी के पिछले महीने के बयान को लेकर उन पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह राहुल गांधी हैं, राहुल सावरकर नहीं कि माफी मांगेंगे। उनका यह बयान रामलीला मैदान में कांग्रेस की 'भारत बचाओ' रैली के दौरान आया था, जब बीजेपी रेप के मामले में उनके एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रही थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी से मात देने वाली स्मृति ने कांग्रेस नेता के पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि वह अपनी 10 पीढ़ियों बाद भी सावरकर जितनी हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने हाल ही में कहा कि 'मैं माफी नहीं मांगूगा, मैं राहुल सावरकर नहीं हूं।' मैं राहुल गांधी से आज कहना चाहती हूं कि अपनी 10 पीढ़ियों के बाद भी आप सावरकर जितनी हिम्मत नहीं जुटा सकेंगे।'
बीजेपी नेता इस दौरान कांग्रेस पर भी खूब बरसीं और कहा, 'ये वही कांग्रेस पार्टी है, जिसने इमरजेंसी के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, जेपी तक को जेल में डाल दिया, लेकिन मुंबई में स्मग्लर करीम लाला को खुला छोड़ दिया।' करीम लाला को लेकर स्मृति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि इस संबंध में संजय राउत के बयान से पहले ही सियासी पारा उफान पर है।
इसे लेकर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ कि राउत ने शनिवार को अपने एक बयान से कांग्रेस खेमे में हलचल पैदा कर दी कि जो लोग सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें दो दिनों के लिए अंडमान की सेलुलर जेल में भेज दिया जाना चाहिए। राउत के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा कि जिन लोगों में जेल में रहते हुए माफी नहीं मांगी, वे देश के इस सर्वोच्च सम्मान के अधिक हकदार हैं।
उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए यह भी कहा कि आखिर सावरकर को भारत रत्न देने से उन्हें रोक कौन रहा है? इस बारे में फैसला केंद्र सरकार को लेना है, जहां बीजेपी सत्तासीन है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, पार्टी सावरकर को यह सर्वोच्च सम्मान देने के खिलाफ है।