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सोनिया गांधी ने PM को पत्र लिखकर लघु उद्योगों के लिए मांगी राहत, कांग्रेस ने नोटबंदी से की लॉकडाउन की तुलना

Updated Apr 25, 2020 | 19:52 IST

Sonia Gandhi Letter to PM: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी को खत लिखा है। उन्होंने कोरोना संकट से निपटने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की तुलना नोटबंदी से की है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
सोनिया गांधी ने PM को लिखा खत,नोटबंदी से की लॉकडाउन की तुलना
मुख्य बातें
  • कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस के संकट के बीच पीएम मोदी को लिखा पत्र
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की स्थिति पर जाहिर की चिंता
  • एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वेतन सुरक्षा पैकेज की घोषणा करे सरकार

नई दिल्ली: देश में कोरोना संकट की वजह से जारी लॉकडाउन  (Corona Lockdown) के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बाऱ फिर पीएम मोदी को खत लिखा है। अपने पत्र में सोनिया गांधी ने कई बातों का जिक्र करते हुए मुश्किल का सामना कर रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह क्षेत्र देश में 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है।

नोटबंदी की तरह लागू किया लॉकडाउन

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये के वेतन सुरक्षा पैकेज की घोषणा करने, एक लाख करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कोष बनाने और कई अन्य कदम उठाये जाने का आग्रह किया। वहीं कांग्रेस ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि जिस तरह से बिना सोचे-समझे नोटबंदी लागू की गई ठीक उसी तरह लॉकडाउन का भी ऐलान किया गया। इस ट्वीट में कहा गया है कि इस तरह के फैसले अगर अचानक और बिना तैयारी के लिए जाते हैं तो इसका परिणाम बेहद गंभीर होता है।

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रोजाना हो रहा है 30 करोड़ का नुकसान

अपने पत्र में सोनिया गांधी ने सुझाव देते हुए कहा कि एमएसएमई सेक्टर को तत्काल तरलता प्रदान करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड की व्यवस्था की जाए। सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को रोजाना करीब 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है और यहां काम कर रहे लोगों के लिए रोजगार का संकट हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर ऋण गांरटी कोष बनाती है तो इससे नौकरियों को सुरक्षित रखने और हौसला बढ़ाने में मददमिलेगी तथा इससे आर्थिक नुकसान की धारणा को भी खत्म किया जा सकेगा।’

इसके अलावा सोनिया ने आग्रह किया कि एमएसएमई द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज के भुगतान को तीन महीने के लिए टाला जाए तथा सरकार इस क्षेत्र से जुड़े कर को माफ करने अथवा कम करने पर विचार करे।

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