- अभी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी सोनिया गांधी
- सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है
- अध्यक्ष पद के लिए प्रक्रिया कांग्रेस के संविधान में लिखित है: अभिषेक मनु सिंघवी
नई दिल्ली: कांग्रेस में जहां एक तरफ फिर से राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की बात जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी ने कहा है कि सोनिया गांधी तब तक अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी जब तक पार्टी प्रमुख चुनने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं होता है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह सही है कि अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के एक साल बाद सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि पद उसी दिन स्वत: खाली हो जाएगा। उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी अघ्यक्ष हैं और जब तक उचित प्रक्रिया का पालन नहीं होता है, वह पद पर बनी रहेंगी और इसका निकट भविष्य में ही पालन किया जाएगा।'
सिंघवी ने कहा, 'उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उचित प्रक्रिया है जो कांग्रेस वर्किंग कमेटी पूरा करती है। यह निकट भविष्य में किया जाएगा और आपके सामने परिणाम होगा। यह कांग्रेस के संविधान में लिखा है, हम इसे करने के लिए बाध्य हैं और यह किया जा रहा है।'
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा है कि पार्टी के लक्ष्यहीन और दिशाहीन होने की लोगों में बढ़ती धारणा को खत्म करने के लिए इसे एक पूर्णकालिक अध्यक्ष ढूंढ़ने की प्रक्रिया अवश्य ही तेज करनी चाहिए। थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें निश्चित रूप से से ऐसा लगता है कि पार्टी का एक बार फिर से नेतृत्व करने के लिए राहुल गांधी के पास साहस, क्षमता और योग्यता है, लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो पार्टी को एक नया अध्यक्ष चुनने की दिशा में अवश्य ही आगे बढ़ना चाहिए।
पूर्णकालिक अध्यक्ष चुनना चाहिए: थरूर
कांग्रेस सांसद ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, 'मेरा निश्चित तौर पर मानना है कि हमें अपने नेतृत्व के आगे बढ़ने के बारे में स्पष्ट होना चाहिए। मैंने पिछले साल अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया जी की नियुक्ति का स्वागत किया था, लेकिन मेरा मानना है कि उनसे अनश्चितकाल तक इस जिम्मेदारी को उठाने की उम्मीद करना उचित नहीं होगा। हमें लोगों में बढ़ती और उपेक्षा करने वाली मीडिया द्वारा तूल दी जा रही यह धारणा भी खत्म करनी होगी कि कांग्रेस लक्ष्यहीन और दिशाहीन है, विश्वसनीय राष्ट्रीय विपक्ष की भूमिका निभा पाने में अक्षम है।'