- पिछले दो महीने में दिल्ली एनसीआर में धरती 11 बार डोली, जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिन में चार बार कंपन
- गुजरात में दो दिन पहले 2 बार कंपन
- जानकार बड़े खतरे का जता रहे हैं अंदेशा
नई दिल्ली। यह धरती कितनी खूबसूरत है, लेकिन उसका मिजाज बदल रहा है, यूं समझिए कि धरती के अंदर हलचल हो रही है और उसका असर लोगों के मन मष्तिष्क पर पड़ रहा है। एक डर सा कि आगे क्या होने वाला क्या है। एक तरफ देश कोरोना वायरस के साए में तो दूसरी तरफ जलजला भी लगातार दस्तक दे रहा है। आखिर हम सबको क्यों डरना चाहिए इसके पीछे वजह है। आम तौर पर जब बड़ा जलजला आता है तो उसके बाद कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। लेकिन अगर भारत के अलग अलग हिस्सों की बात करें तो तस्वीर थोड़ी अलग है।
11 बार डोल गई धरती
अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो पिछले 2 महीने के अंदर धरती के अंदर हलचल हुई है। इसी तरह गुजरात में 24 घंटे के भीतर तीन बार धरती डोल गई और कुछ ऐसी ही तस्वीर जम्मू-कश्मीर की है जहां चार बार धरती के अंदर हलचल हो चुकी है। भूकंप के झटकों की तीव्रता भले ही कम हो लेकिन जिस तरह से कंपन हो रहा है उससे पता चलता है कि धरती के अंदर फाल्ट लाइंस पर मूवमेंट तेज हो रही है।
10 जून से 16 जून के बीच भूकंप
16 जून- जम्मू कश्मीर में महसूस किए गए झटके, केंद्र ताजिकिस्तान का दुशांबे था
15 जून- जम्मू कश्मीर मे तीन बार जलजले की दस्तक
15 जून को गुजरात के राजकोट में भूकंप
10 जून को अंडमान निकोबार में भूकंप
13 अप्रैल से 8 जून के भीतर दिल्ली और एनसीआर में 11 बार धरती डोल चुकी है। यह बात अलग है कि रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.1 से लेकर 4.5 के बीच रहा है।
जानकारों की राय
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भूगर्भशास्त्र से जुड़े कई संस्थानों का मानना है कि दिल्ली एक बड़ा जलजला दस्तक दे सकता है। दिल्ली और एनसीआर में उच्च तीव्रता का भूकंप आ सकता है। कानपुर आईआईटी से जुड़े जानकार कहते हैं कि दिल्ली-हरिद्वार रिज में खिंचाव की वजह से बार-बार धरती हिल रही है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।