- कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं कई राज्यों से आए छात्र
- उत्तर प्रदेश सरकार अपने करीब 8000 छात्रों को कोटा से निकाल चुकी है
- नीतीश का कहना है कि लॉकडाउन नियम में संशोधन के बाद वह छात्रों को निकालेंगे
कोटा (राजस्थान) : राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्रों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। कोटा में अलग-अलग राज्यों के बड़ी संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते छात्र यहां फंसे हुए हैं। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने अपने छात्रों को यहां से निकाला है लेकिन नीतीश कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार जब तक अपने लॉकडाउन के नियम में संशोधन नहीं करती तब तक वह कोटा से बिहार के छात्रों को नहीं निकालेंगे। छात्रों ने खुद को घर भेजे जाने की मांग को लेकर सोमवार को विरोध-प्रदर्शन किया जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हो गया है।
अपने रुख पर कायम हैं नीतीश
बता दें कि कोविड-19 की स्थिति पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। इस बैठक में नीतीश कुमार ने छात्रों को कोटा से निकाले जाने पर अपना रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के नियम में संशोधन होने के बाद ही वह छात्रों को कोटा से निकालने की अनुमति देंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद छात्र नाराज हैं।
छात्रों की मांग उन्हें घर भेजा जाए
छात्रों की मांग है कि उन्हें यहां से निकालकर घर भेजा जाए। अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए सोमवार को प्रदर्शन किया। वहीं, लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने प्रदर्शन के लिए छात्रों को उकसाने पर कोचिंग सेंटर चलाने वाले लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
छात्रों पर दर्ज हुआ केस
कोटा के सब इंस्पेक्टर मोहल नाल ने कहा, 'कोटा में सोमवार को लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर बिहार के छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।' लॉकडाउन के दौरान अंतर-राज्य यात्रा करने पर मनाही है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में इसकी अनुमति दी जा सकती है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने कोटा में फंसे अपने छात्रों को निकाला है।
यूपी सरकार ने अपने छात्रों को कोटा से निकाला
यूपी सरकार ने गत दिनों करीब 8000 छात्रों को निकालने के लिए रोडवेज की बसें भेजीं। पश्चिम बंगाल सरकार भी अपने छात्रों को वहां से निकालने की रणनीति बना रही है। जाहिर है कि इससे नीतीश सरकार पर अपने यहां के छात्रों को निकालने के लिए दबाव बनेगा लेकिन फिलहाल नीतीश लॉकडाउन के नियम की बात कर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डालना चाहते हैं।