जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला के अब बांबे हाईकोर्ट में जज बने रहने पर विराम लग गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उन्हें स्थायी करने के प्रस्ताव पर हरी झंडी नहीं दिखाई है। इसका अर्थ यह है कि जिस अदालत से वो बांबे हाईकोर्ट के सफर तक को उन्होंने पूरी की थी वापस वहीं लौटना होगा। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला का डिमोशन हो गया।
आप सबको याद होगा कि हाल ही में उन्होंने एक फैसला दिया जिसमें यौन शोषण के आरोपी को इस आधार पर बरी किया कि उसने स्किन टू स्किन कांटेक्ट नहीं किया था। जस्टिस पुष्टा गनेडीवाला ने कहा कि पोस्को एक्ट में यौन शोषण के संबंध में जिक्र है कि आरोपी और पीड़ित के बीच स्किन टू स्किन कांटेक्ट होना चाहिए। उनके इस फैसले की चौकरफा आलोचना हुई जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया।
पुष्पा गनेडीवाला के केस नें सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम जिसमें चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना, जस्टिस यू यू ललित और खनविलकर ने उन्हें सेवा विस्तान ना देने पर फैसला किया।
विवादित फैसलों की वजह से चर्चा में रहीं पुष्पा गनेडीवाला के प्रमोशन वाले प्रस्ताव को मंजूरी देने से मना कर दिया था।