- पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र में धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
- चमकोर साहिब के लोगों का कहना है कि वन विभाग की जमीन पर हो रहा अवैध खनन
- वन विभाग की चिट्टी में भी इलाके में हो रहे अवैध खनन का जिक्र किया गया है
नई दिल्ली : पंजाब में रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। यहां रेत खनन माफियाओं को सरकार का कोई डर नहीं है। लगता है कि उन्हें सरकार से संरक्षण मिल रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि रेत खनन का यह काला खेल कहीं और नहीं मुख्यमंत्री चरण जीत सिंह चन्नी के विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां वन विभाग के जमीन पर अवैध खनन चल रहा है लेकिन सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
लोगों का दावा वन विभाग की जमीन पर हो रहा अवैध खनन
लोगों का दावा है कि जहां पर खनन हो रहा है वह सरकारी जमीन है। वन विभाग की जमीन पर खनन कानूनी अपराध है लेकिन खनन माफियाओं को कानून का कोई डर नहीं है। यहां से रेत को ट्रकों में लादकर ले जाया जा रहा है। मुख्यमंत्री चन्नी का दावा है कि उनके राज में अवैध खनन का खात्मा हो गया है लेकिन हकीकत कुछ और है। टाइम्स नाउ नवभारत के संवाददाता पुलकित नागर ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खनन के इस पूरे खेल का कच्चा चिट्ठा खोला है।
केजरीवाल भी उठा चुके हैं अवैध खनन का मुद्दा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले भी सीएम चन्नी पर रेत खनन माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा चुके हैं। केजरीवाल ने पूछा कि क्या सीएम चन्नी अवैध रेत खनन के मुखिया हैं? या उनकी माफियाओं के साथ साझेदारी है? केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर राज्य में अवैध खनन बंद किया जाएगा।
चमकोर साहिब के जिंदापुर इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि जहां पर खनन हो रहा है वह जमीन वन संरक्षण कानून के तहत संरक्षित है। खनन वाले इलाके में मौजूद आप नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने चैनल से बातचीत में कहा कि जहां पर खनन चल रहा है वह वन विभाग की जमीन है।
वन विभाग की चिट्ठी में भी अवैध खनन का जिक्र
लोगों के आरोपों की पुष्टि वन विभाग की चिट्ठी से भी होती है। वन विभाग की यह चिट्ठी टाइम्स नाउ नवभारत के हाथ लगी है। इस चिट्ठी में वन विभाग ने चमकौर साहिब के जिंदापुर गांव में अवैध खनन होने की बात कही है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इसी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। वन विभाग ने अपने इस शिकायती पत्र को पुलिस विभाग के साथ-साथ आल अफसरों को भी भेजा है। इस चिट्ठी में वन विभाग ने अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
पत्र लिखने पर वन अधिकारी का हुआ तबादला
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश चड्ढा ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि यहां के वन अधिकारी राजवन सिंह ने एसएचओ, तहसीलदार और डीएफओ को इस अवैध खनन के बारे में पत्र लिखा, उनके पत्र लिखे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने एसडीएम को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की। इस शिकायत पर कार्रवाई तो दूर खनन का मामला सामने लाने पर वन अधिकारी का ही तबादला कर दिया गया।