- जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने के मामले में सुनवाई हुई
- जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की पीठ ने की सुनवाई
- पक्ष और विपक्ष में हुई थी गरमागरम बहस
जहांगीरपुरी अतिक्रमण केस में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णायक फैसला सुना दिया है। अदालत ने यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं और सुनवाई 14 दिन के लिए टाल दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अतिक्रमण को गुरुवार तक के लिए रोक दिया था। गुरुवार को सुनवाई से पहले याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आप मेरा घर तोड़ सकते हैं लेकिन हौसला नहीं।
अदालत में जिरह के कुछ खास अंश
- एमसीडी की तरफ से तुषार मेहता ने कहा कि जो सड़क पर अवैध था सिर्फ उसे हटाया गया है। किसी के साथ ज्यादती नहीं की गई है। अदालत में विपक्ष गलत बयावनी कर रहा है। अतिक्रमण की कार्रवाई पहले से ही जारी थी। बुधवार को जो हुआ वो उसी का हिस्सा था। अब तक पांच बार नोटिस दी जा चुकी है। पहला नोटिस 19 जनवरी को, दूसरा फरवरी में दिया गया था। जमीयत की तरफ से अदालत को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने का काम हाईकोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है।
- वृंदा करात के वकील ने कहा कि माननीय अदालत के आदेश के बाद भी कार्रवाई जारी रही तो पीठ ने कहा कि हम इस मामले को देखेंगे। कपिल सिब्बल ने कहा कि लो विध्वंस पर स्टे चाहते हैं। जब वो इस बात को अदालत के सामने रख रहे हैं तो उनका मानना साफ है कि वो इस खास क्षेत्र की बात कर रहे हैं।
- बुधवार को सिर्फ कुर्सी, स्टाल तोड़ गए सवाल यह है कि क्या इसके लिए बुलडोजर की जरूरत थी। जज के सवाल पर जस्टिस तुषार मेहता ने कहा कि जो कुछ हुआ उसके लिए नोटिस जारी किया गया था। इस जिरह के बाद अदालत ने कहा कि बुधवार को जो आदेश दिए गए थे वो 14 दिन तक बहाल रहेंगे और उसके बाद सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे-नॉर्थ एमसीडी
हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद होगी कोई कार्रवाई : जहांगीरपुरी विध्वंस अभियान पर उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंहसुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह के लिए यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।