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'लोकप्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता हैं मोदी', जानिए SC के जज ने पीएम की तारीफ में और क्या कहा

Updated Feb 07, 2021 | 11:16 IST

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. आर शाह ने शनिवार को एक समारोह के दौरान पीएम मोदी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री को ‘लोकप्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता' बताया।

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लोकप्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता हैं मोदी: SC के जज
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने शनिवार को गुजरात हाईकोर्ट के हीरक जयंती समारोह में की थी शिरकत
  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम. आर शाह ने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी की तारीफ
  • पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस (रिटायर) अरूण मिश्रा ने भी की थी पीएम मोदी की तारीफ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से डाक टिकट जारी किया। इस दौरान उन्होंने देश की न्यायपालिका की सराहना करते हुए कहा कि उसने लोगों के अधिकार की रक्षा करने और निजी स्वतंत्रता को बरकरार रखने के अपने कर्तव्य का पूर्ण निष्ठा से निवर्हन किया है। उन्होंने कहा, ‘यह सुनकर सभी को गौरव होता है कि हमारा न्यायालय महामारी के दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दुनिया का सर्वाधिक सुनवाई करने वाला न्यायालय बन गया है।’
 

जज ने की तारीफ
इस समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम. आर शाह भी मौजूद थे और उन्होंने पीएम मोदी की की तारीफ करते हुए उन्हें सबसे लोकप्रिय, प्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता बताया। अपने संबोधन में शाह ने कहा, ‘मुझे गुजरात उच्च न्यायालय के हीरक जयंती समारोह में, हमारे सबसे लोकप्रिय, प्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में, भाग लेकर गौरव का अनुभव हो रहा है भारतीय संविधान के तहत स्थापित भारतीय गणतंत्र की खूबियों में से एक है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति का बंटवारा।’

पिछले साल जस्टिस मिश्रा ने की थी तारीफ

यह पहली बार नहीं है जब किसी सुप्रीम कोर्ट के जज ने पीएम मोदी की तारीफ की हो, इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस (रिटायर) अरूण मिश्रा ने पीएम मोदी की तारीफ की थी। पिछले साल एक समारोह के दौरान जस्टिस मिश्रा ने पीएम मोदी को ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य दूरदर्शी नेता’ बताया था। हालांकि जस्टिस मिश्रा के इस बयान को लेकर उनकी आलोचना भी हुई थी।

गुजरात हाईकोर्ट को बताया अपनी कर्मभूमि
शनिवार को शनिवार को भी अपने संबोधन में जस्टिस शाह ने गुजरात हाईकोर्ट को अपनी कर्मभूमि बताया था। उन्होंने कहा, 'भारतीय संविधान के तहत स्थापित भारतीय गणतंत्र की खूबियों में से एक है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति का बंटवारा।' इस न्यायालय में उन्होंने 22 साल वकील की तरह और 14 साल न्यायाधीश की तरह सेवा दी थी।

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