- सूरत सड़क हादसे में 15 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई
- सड़क किनारे सो रहे प्रवासी मजदूरों को एक ट्रक ने कुचल दिया
- सभी प्रवासी मजदूर राजस्थान से थे
नई दिल्ली: गुजरात के सूरत में मंगलवार को एक बेहद दुखद घटना हुई। दरअसल, सूरत जिले के कोसांबा गांव में सड़क किनारे सो रहे 15 की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। इस हादसे में 3 अन्य घायल हुए। लेकिन इस हादसे में एक छह महीने की बच्ची बच गई। हालांकि उस बच्ची के माता-पिता इस सड़क दुर्घटना में नहीं बच सके। सड़क हादसे में बची बेबी प्रियंका अपने माता-पिता के साथ फुटपाथ पर सो रही थी।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, प्रियंका के माता-पिता एक दिन पहले ही काम की तलाश में राजस्थान से सूरत आए थे। लेकिन शायद उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था। ट्रक ने उन्हें कुचल दिया और उनकी बेटी प्रियंका अनाथ हो गई। छह महीने की मासूम अपने माता-पिता की मौत से अनजान है।
मदद को आगे आईं सरकारें
पुलिस के अनुसार सभी मृतक प्रवासी मजदूर राजस्थान से थे। ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक जताया और मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए के मुआवजे की घोषण की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट में कहा गया, 'सूरत में ट्रक हादसे में हुई मौतें दुखद हैं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।' पीएमओ के मुताबिक, मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर शोक जताया और मृतकों के परिजन तथा घायलों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की घोषणा की। राज्य सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार रुपए की मदद देगी। इसके अलावा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी जान गंवाने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की।