- सुशांत सिंह केस में एम्स रिपोर्ट में आत्महत्या का जिक्र
- सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को रिपोर्ट पर शक
- वकील विकास सिंह ने सीबीआई निदेशक को खत लिखकर नई फॉरेंसिंक टीम गठित करने की मांग की
नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत की मौत कैसे हुई। उन्हें मारा गया था, या आत्महत्या की थी या आत्महत्या के लिए उकसाया गया। दरअसल विवाद के केंद्र में यही तीनों बिंदु थे अदालत की दहलीज तक जा पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेहतर यही होगा कि सीबीआई सच का पता लगाए। सीबीआई ने जब इस केस को हाथ में लिया तो जांच आगे बढ़ी और मुंबई के कूपर अस्पताल के दावों की जांच पड़ताल के लिए एम्स को फॉरेंसिक टीम ने मौके मुआयना किया, तफसील से जांच की और नतीजा यह आया कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी। हालांकि कि अंतिम रूप से सीबीआई को ऐलान करना है कि मौत की वजह क्या थी। इन सबके बीच सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने सीबीआई निदेशक से मांग की है।
सीबीआई को पीड़ित पक्ष का खत
विकास सिंह का कहना है कि उन्होंने सीबीआई के निदेशक को खत लिखकर कहा है कि इस मामले में एक नई फॉरेंसिंह टीम गठित कर कूपर अस्पताल की रिपोर्ट की समीक्षा करे और यह बताए कि कूपर अस्पताल की रिपोर्ट को आधार बनाया जा सकता है नहीं। सबसे बड़ी बात यह है कि सुशांत की मौत सिर्फ लटकने की वजह से हुई या उसे गला घोंटकर मारा गया।
एम्स की रिपोर्ट के बाद दो तरह की प्रतिक्रिया
एम्स की रिपोर्ट के आने के बाद दो तरह की प्रतिक्रिया आई। एक तरफ सुशांत के समर्थकों ने कहा कि रिपोर्ट भरोसे के काबिल नहीं है, तो दूसरी तरह मुंबई पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी बड़ा बयान आया। पुलिस कमिश्ननर परमबीर सिंह ने कहा कि जिस दिशा में हमारी जांच थी या जिस निष्कर्ष की बात कर रहे थे उसकी पुष्टि एम्स की रिपोर्ट से हो चुकी है। मुंबई पुलिस की जांच प्रक्रिया को न सिर्फ प्रभावित करने की कोशिश की गई बल्कि छवि को भी धूमिल किया गया। वो कहना चाहते हैं कि इस तरह के अभियान के पीछे जो लोग भी शामिल होंगे उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
शिवसेना ने फिर उगला था जहर
इसके अलावा जब एम्स की रिपोर्ट सामने आई तो शिवसेना की भी तरफ से बयाना आया। प्रवक्ता संजय राउत ने तो सीेधे सीधे सुशांत सिंह राजपूत को चरित्रहीन करार दिया। हालांकि इस तरह के बयान की चारों तरफ आलोचना हुई। सुशांत के समर्थकों का कहना है कि वो आज भी यकीन के साथ कह सकते हैं कि सुशांत को मारा गया। सबूतों के साथ साथ छेड़छाड़ के बाद उसकी मौत को आत्महत्या साबित करने की कोशिश की गई।