- नीतीश कुमार सरकार में उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं सुशील मोदी
- इस बार बीजेपी ने दो नए चेहरों को बनाया है उप मुख्यमंत्री
- सुशील मोदी को राज्यसभा सांसद के जरिए केंद्र की राजनीति में किया गया शिफ्ट
नई दिल्ली: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से राज्यसभा का टिकट मिलने से उन्हें केंद्र में आगे बड़ी जिम्मेदारी मिलने के भी संकेत हैं। मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें मौका मिल सकता है। ऐसा भाजपा से जुड़े सूत्रों का भी कहना है। एनडीए के संख्या बल को देखते हुए सुशील कुमार मोदी का राज्यसभा सदस्य चुना जाना तय है।
पासवान के निधन से खाली हुई थी सीट
बिहार की यह राज्यसभा सीट लोक जनशक्ति पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई है। पिछले साल एक समझौते के तहत भाजपा ने तत्कालीन एनडीए सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी को यह राज्यसभा सीट दी थी, तब राम विलास पासवान उच्च सदन पहुंचे थे। चूंकि बिहार चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया, इसलिए भाजपा ने पासवान के निधन से खाली हुई सीट से अपना उम्मीदवार उतारा है।
केंद्र की राजनीति में हुए शिफ्ट
वर्ष 2005 से जब-जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा और जदयू की सरकार बनी, तब सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री बने। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बिहार में 125 सीटों के साथ बहुमत से एक बार फिर एनडीए की सरकार बनी, लेकिन उप मुख्यमंत्री पर सुशील कुमार मोदी की जगह दो डिप्टी सीएम चुने गए। भाजपा की तरफ से तारकेश्वर प्रसाद और रेणु कुमारी उपमुख्यमंत्री बने। जिसके बाद भाजपा की तरफ से संकेत दिए जाने लगे कि सुशील कुमार मोदी को राज्य की राजनीति से अब केंद्र की राजनीति में शिफ्ट करने की तैयारी है।
मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
बिहार की राजनीति से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, सुशील कुमार मोदी बिहार में भाजपा के एक बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। इस बार उप मुख्यमंत्री नहीं बने तो उनका सम्मानजनक समायोजन होना जरूरी है। ऐसे में राज्यसभा उन्हें पार्टी भेज रही है। अनुभव को देखते हुए आगे और बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।