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सुशील मोदी ने पूछा-पाकिस्तान के नए नक्शे पर विपक्ष खामोश क्यों? 

Updated Aug 07, 2020 | 10:54 IST

Sushil Modi on Pakistan new map: पाकिस्तान के नए विवादित नक्शे पर बयान जारी न करने पर बिहार के डिप्टी मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। सुशील मोदी ने विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
सुशील मोदी ने पाकिस्तान के नए नक्शे पर विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए।

पटना : बिहार के डिप्टी मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पाकिस्तान के नए एवं विवादित नक्शे पर विपक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता का कहना है कि अपने नए नक्शे में पाकिस्तान ने कुछ भारतीय इलाकों को शामिल किया है लेकिन इस पर विपक्ष की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। डिप्टी मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस, राजद और वाम दल ने किसी भी विपक्षी दल ने पाकिस्तान के इस हरकत की आलोचना नहीं की है। मोदी ने सवाल किया कि भारत के विपक्षी दलों के इस रवैये पर क्या उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं खड़े करने चाहिए। 

पाकिस्तान के इस नए नक्शे पर बयान जारी नहीं करने पर सुशील मोदी ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कई ट्वीट किए हैं। भाजपा नेता ने कहा है कि नया विवादित नक्शा जारी कर पाकिस्तान ने भारत के आंतरिक मामले में दखल दिया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, 'जूनागढ़ के साथ पाकिस्तान की कोई सीमा नहीं लगती फिर भी उसने इस इलाके को अपना बताते हुए विवादित नक्शा जारी किया। पाकिस्तान की तरफ से यह हरकत खासकर उस दिन की गई जब पीएम मोदी ने अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर के लिए भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया।'

पाकिस्तान ने पहली बार ऐसा नक्शा जारी कर भारत में धारा-370 की समाप्ति और राम मंदिर के लिए भूमिपूजन जैसे दो बड़े आंतरिक मामलों में अपनी हदें पार कीं। वहां जनमत संग्रह में केवल 90 लोगों ने पाकिस्तान में विलय का समर्थन किया था। जनमत संग्रह में करारी हार के बाद जूनागढ़ का नवाब पाकिस्तान भाग गया था। जूनागढ़ से इमरान खान की चिढ़ इसलिए है कि वहां सोमनाथ का मंदिर है और भारत में इसके विधिवत विलय के समय तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की घोषणा की थी।

नेहरू के विरोध के बावजूद सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ और भारतरत्न डा. राजेद्र प्रसाद उसके प्राण-प्रतिष्ठान अनुष्ठान में सम्मिलित हुए। जूनागढ़ के उसी सोमनाथ मंदिर से माननीय श्री लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में राम रथयात्रा प्रारम्भ की थी, जिसकी सफलता अब भव्य राम मंदिर के रूप में साकार होने वाली। विडम्बना यह कि कांग्रेस, राजद और वामदल सहित किसी विरोधी दल ने पाकिस्तानी नक्शे के विरोध में ट्वीट तक नहीं किया, जबकि पाकिस्तान का पूरा विपक्ष इमरान सरकार के साथ खड़ा हुआ।  क्या भारत के विपक्षी दलों के ऐसे रवैये पर उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठने चाहिए?

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