- जानवर से इंसानों में आने वाला वायरल रोग है मंकीपॉक्स
- लक्षण स्मालपॉक्स जैसे होते हैं लेकिन इसे कम घातक माना जा रहा
- लक्षण शरीर में दो से चार सप्ताह तक रह सकते हैं
Monkeypox: कोरोना वायरस संकट के बीच भारत में मंकीपॉक्स वायरस की एंट्री हो गई है। गुरुवार (14 जुलाई, 2022) को दक्षिण के सूबे केरल में इसके पहले केस की पुष्टि हुई। वहां की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस बाबत तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों को बताया, "मंकीपॉक्स के पॉजिटिव केस रिकॉर्ड किए गए हैं। संक्रमित व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आया है। संक्रमित व्यक्ति 12 जुलाई को राज्य में पहुंचा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर की ओर से सारी गाइडलाइन्स का पालन किया जा रहा है।"
उनके मुताबिक, "केरल सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है। संक्रमित व्यक्ति की हालत अभी स्थिर है। संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की जानकारी निकाल ली गई है।"
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने मरीज का सैंपल जांच के लिए भेजा था। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि मरीज की यहां आने पर तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, यात्री से सैंपल लेकर उसे जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय टीम को केरल भेजा। यह दस्ता राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ मंकीपॉक्स के पहले पुष्ट मामले पर जरूरी कदम उठाने की दिशा में काम करेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्स जानवर से मनुष्यों में आने वाला वायरल रोग है। इसके लक्षण स्मालपॉक्स जैसे होते हैं लेकिन इसे कम घातक माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वायरस से संक्रमित वस्तुओं, जानवरों एवं मनुष्यों के करीबी संपर्क में आने पर यह रोग फैलने लगता है। इसके लक्षण शरीर में दो से चार सप्ताह तक रह सकते हैं।
सरकार पहले से अलर्ट है
मंकीपॉक्स को लेकर सरकार पहले से अलर्ट है। स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पहले ही इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर चुका है। राज्य सरकारों ने भी अपने यहां विदेश यात्रा से आए लोगों की रैंडलम सैंपलिंग की है। गत मई में ICMR ने कहा कि यह संक्रमण बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। इसलिए बच्चों इससे बचाने की आवश्यकता ज्यादा है। एएनआई समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान ICMR वैज्ञानिक डॉ. अर्चना मुखर्जी ने कहां, कि बच्चों को इस संक्रमण से बचाने की अधिक जरूरत है। डॉ. अर्चना मुखर्जी के अनुसार जिन लोगों को 1980 के बाद टीका नहीं लगा है, उनके लिए यह संक्रमण अधिक खतरनाक है।
Monkeypox Symptoms in Hindi: बच्चों में मंकीपॉक्स वायरस का खतरा ज्यादा, इन लक्षणों पर रहें एकदम अलर्ट
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर शरीर में दर्द और शरीर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं। व्यक्ति को तेज बुखार होता है और गले के पास गांठें उभरने लगती हैं। मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारी ने कहा है, कि मंकीपॉक्स के मामले को रोकने के लिए सही उपाय सही समय पर करने चाहिए।