- करौली हिंसा के बाद राजस्थान के कई शहरों में हिंसा हुई
- करौली का मास्टरमाइंड मतलूब अब भी फरार है
- राजस्थान पुलिस का कहना है कि तलाश जारी है
अगर बार-बार कोई गलती करे और उसे रोको-टोको नहीं तो वो गलती धीरे-धीरे बढ़ती जाती है और एक वक्त ऐसा आता है कि उसकी गलतियों पर लगाम लगा पाना मुश्किल होता है । ये लाइन इस वक्त राजस्थान सरकार पर सटीक बैठती है ।राजस्थान के दो शहरों में सांप्रदायिक तनाव है । चित्तौड़गढ़।जहां एक संप्रदाय विशेष के लोगों के हमले में एक हिंदू युवक की मौत हो गई।तो वहीं बारां जिले में संप्रदाय विशेष के हमले में दो लोग घायल हो गए ।
राजस्थान में सांप्रदायिक तनाव की सीरीज
करौली हिंसा के महीने बाद राजस्थान में सांप्रदायिक तनाव की एक सीरीज शुरू हो गई है । लगातार वहां पर दो संप्रदायों के बीच नफरत की घटनाएं बढ़ रही हैं । ऐसा इसीलिए हो रहा है क्योंकि राजस्थान सरकार और पुलिस इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक पा रही है । करौली दंगे का मास्टरमाइंड मतलूब पिछले 60 दिनों से फरार है और गहलोत सरकार की ओर से भी ये सख्त संदेश नहीं गया कि सांप्रदायिक तनाव पर जीरो टॉलरेंस है।शायद इसी वजह से राजस्थान में सांप्रदायिक सीरीज चल रही है ।
करौली के मतलूब को किसका संरक्षण
राजस्थान में हिंदू-मुस्लिम की 'सांप्रदायिक सीरीज'। करौली के बाद अब चित्तौड़गढ़, बारां में बवाल। गहलोत राज में नफरत की 'बैक टू बैक' पिक्चरकरौली का मतलूब पकड़ा जाता, चित्तौड़गढ़ में रतन बच जाता! बारां में सांप्रदायिक तनाव न होता !अगर करौली का मतलूब पकड़ा जाता।करौली के मास्टरमाइंड मतलूब को किसका संरक्षण ?