- केंद्र सरकार के खिलाफ एआईकेएससीसी की चेतावनी
- सरकार के प्रस्ताव को ओल्ड प्रास्पेक्टर नए रूप में बताया
- सरकार की असली मजबूरी, अंबानी, अडानी और जमाखोरी अभियान शुरू करने की चेतावनी
नई दिल्ली। एमएसपी और मंडी समितियों के मुद्दे पर किसी तरह की सहमति सरकार और किसानों के बीच नहीं बन पाई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वो संशोधन करने के लिए लिखित रूप से आश्वासन दे रही है उसके लिए प्रस्ताव भी दिया गया है। लेकिन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। इसके बारे में एआईकेएससीसी का कहना है कि किसानों की मांग को पूरी करने के लिए सभी किसानों संगठनों के लिए जल्द से जल्द पुराने प्रास्पेक्टस को नई रूप में तैयार किया गया। किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार जिद्दी है तो हम भी जिद्दी है। आखिर किसान सरकार से कहां कुछ अधिक की मांग कर रहे हैं। सरकार के अड़ियल रवैये से कुछ होने वाला नहीं है।
एआईकेएससीसी ने किए कुछ खास फैसले
एआईकेएससीसी और सभी किसानों के संगठन ने 3 नए एम्स और ईबी 2020 के लिए उनकी मांग को पूरा किया। किसानों से संपर्क करने के लिए सबसे अधिक, सभी राज्यों में प्रवेश करने के लिए जिला स्तर पर छूट दी गई है।।AIKCC के नेशनल वर्किंग ग्रुप ने बुधवार की बैठक में कुछ खास फैसले किए।
देशव्यापी अभियान शुरू करने की चेतावनी
एआईकेएससीसी केंद्रीय सरकार के तथाकथित "नए" प्रस्ताव को कथित रूप से अपमानजनक और अभिमानी घोषित करने और अस्वीकार करने में किसान संगठनों से जुड़ता है।एआईकेएससीसी मोदी सरकार को बेनकाब करने के लिए देशव्यापी अभियान “सरकार की असली मझौरी - अडानी, अंबानी, जमोखोरी” शुरू करेगा।