- मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी बनाने से जुड़े मसले पर दिया था बयान
- गुजरातियों और राजस्थानियों की भूमिका का टिप्पणी में किया था जिक्र
- कोश्यारी इससे पहले ज्योतिबा फुले-सावित्रीबाई फुले पर भी कर चुके हैं टिप्पणी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मुंबई को देश की वित्तीय राजधानी बनाने में गुजरातियों और राजस्थानियों की भूमिका को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी पर निशाना साधा और कहा कि उनकी टोपी और दिल के रंग में ज्यादा अंतर नहीं है।
कोश्यारी ने शुक्रवार शाम यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘‘मैं यहां के लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र, खासतौर पर मुंबई व ठाणे से हटा दिया जाए, तो आपके पास पैसे नहीं रहेंगे और न ही मुंबई वित्तीय राजधानी बनी रह पाएगी।’’
मुंबई से करीब 325 किलोमीटर दूर धुले में शनिवार शाम संवाददाताओं से बात करते हुए पवार ने कहा, ‘‘कोश्यारी की टोपी और दिल के रंग में ज्यादा अंतर नहीं है।''
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में सभी धर्मों, जातियों, भाषाओं आदि के लोग रहते हैं। मुंबई की प्रगति आम नागरिकों की कड़ी मेहनत के कारण हुई है। कोश्यारी पूर्व में समाज सुधारकों महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के बारे में भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं।’’ उत्तराखंड से संबंध रखने वाले कोश्यारी ज्यादातर काले रंग की ‘टोपी’ पहने नजर आते हैं।