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'आउटसाइडर' पर BJP की घेरेबंदी की काट निकालने में जुटी TMC, गैर-बंगाली वोटों पर दोनों की है नजर

Updated Jan 18, 2021 | 15:18 IST

'आउटसाइडर' के मुद्दे पर भाजपा ने जिस तरह से ममता सरकार की घेरेबंदी की है उससे तृणमूल कांग्रेस के थिंक टैंकों को गंभीरता से सोचने के लिए विवश कर दिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
गैर-बंगाली वोटों पर भाजपा-टीएमसी दोनों की है नजर।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव इस साल अप्रैल-मई महीने में होने हैं। राज्य में इस बार मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच माना जा रहा है। इन दिनों दोनों पार्टियां अपने चुनावी मुद्दों को धार देने में जुटी हैं। बंगाली अस्मिता, केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू नहीं करने के मुद्दों के साथ-साथ भाजपा 'बाहरी' के मुद्दे को हवा देकर ममता सरकार को घेरने में जुटी है। हाल के दिनों में बंगाल की राजनीति में 'आउटसाइडर-इनसाइडर' को लेकर दोनों पार्टियों के बीच जिस तरह से जुबानी जंग देखने को मिली है। उससे जाहिर है कि आने वाले दिनों में भाजपा और टीएमसी के बीच इस मुद्दे पर तेवर और कड़े होंगे। क्योंकि दोनों पार्टियों की नजर गैर-बंगाली वोटरों पर है। 

'आउटसाइडर' के मुद्दे पर भाजपा है आक्रामक
'आउटसाइडर' के मुद्दे पर भाजपा ने जिस तरह से ममता सरकार की घेरेबंदी की है उससे तृणमूल कांग्रेस के थिंक टैंकों को गंभीरता से सोचने के लिए विवश कर दिया है। टीएमसी के नेताओं का मानना है कि 'आउटसाइडर' मुद्दे को हवा देकर भाजपा राज्य में नरेटिव बदलने की कोशिश कर रही है और अपनी इस कोशिश में अगर वह सफल होती है तो चुनाव में टीएमसी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। टीएमसी नेताओं का मानना है कि भाजपा 'आउटसाइडर' कार्ड खेलकर 'गैर-बंगाली' मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में है। इसलिए वह 'बाहरी' के प्रति एक अलग नजरिया गढ़ रही है। 

भाजपा की रणनीति का काट निकाल रही टीएमसी
चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति बनाने वाले एक नेता का कहना है, 'हम इस बात से वाकिफ हैं कि भाजपा आने वाले दिनों में गैर-बंगाली लोगों को यह बताने की कोशिश करेगी कि टीएमसी उनकी चिंता नहीं करती है। भाजपा की इस रणनीति का काट निकालने के लिए हम काम कर रहे हैं। टीएमसी के लिए बंगाली वह व्यक्ति है जो इस राज्य में रहता है और जो इस राज्य की रीति-नीति, परंपरा और संस्कृति को समझता है। व्यक्ति कहां से आया है, इससे फर्क नहीं पड़ता  है। बंगाल में सभी का स्वागत है। आप इस बात को हमारे चुनाव अभियान से समझेंगे। ऐसे  लोग जो बंगाली संस्कृति पर हमले करते हैं उन्हें यहां की समझ नहीं है। वे लोग बाहरी हैं।'   

राज्य में करीब 15 प्रतिशत गैर-बंगाली मतदाता
पश्चिम बंगाल में करीब 15 प्रतिशत मतदाता गैर-बंगाली हैं। कोलकाता और उसके आसपास इनकी अच्छी खासी आबादी है। कोलकाता में बिहार, यूपी, झारखंड के अलावा मारवाड़ी समुदाय के लोगों बड़ी संख्या में रहते हैं। इन गैर-बंगाली वोटरों पर भाजपा की नजर है। बीते दिनों में भाजपा और टीएमसी के बीच 'इनसाइडर और आउटसाइडर' को लेकर राजनीति तेज हुई है। पिछले महीने दिसंबर में कोलकाता यात्रा पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता पर तीखा हमला बोला। शाह ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। 

शाह ने कहा कि अगला सीएम भाजपा का राज्य से होगा
दरअसल, टीएमसी भगवा पार्टी पर 'बाहरी' लोगों की पार्टी बताकर उस पर हमला करती आ रही है। राज्य में अपनी चुनावी तैयारियों को तेज और आक्रामक करने के लिए भाजपा पिछले कुछ महीने से अपने नेताओं एवं मंत्रियों को राज्य के दौरे पर भेजती रही है। केंद्रीय मंत्रियों को राज्य का दौरा कराए जाने पर टीएमसी भाजपा पर आक्रामक हुई और उस पर 'बाहरी लोगों' की पार्टी होने का आरोप लगाया। टीएमसी के इस आरोप का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा में पर्याप्त संख्या में स्थानीय चेहरे हैं और टीएमसी को हराने के लिए दिल्ली से कोई नहीं आया है। शाह ने कहा, 'मुझे लगता है कि ममता दी कुछ चीजें भूल गई हैं। जब वह कांग्रेस में थीं तो क्या वह इंदिरा गांधी को बाहरी बुलाती थीं? तब उन्होंने पीएम पीवी नरसिम्हा राव अथवा प्रणब दा के लिए आउटसाइडर शब्द का इस्तेमाल किया था?'
 

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