- अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने ज्यादा किया सीजफायर का उल्लंघन
- 2018 में 1629 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया था
- पाकिस्तानी सेना गोलीबारी कर आतंकियों की घुसपैठ में मदद करती है
नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जाता है। इस साल 2050 से अधिक युद्धविराम का उल्लंघन किया गया है, जिसमें 21 भारतीयों की मृत्यु हो गई। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से इस संबंध में नियमों का पालन करने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा है। पाकिस्तानी सेना गोलीबारी कर सीमा पार से आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ करने में मदद करती है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है, 'सीमापार आतंकवादी घुसपैठ, भारतीय नागरिकों और सीमा चौकियों को निशाना बनाने सहित पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन पर हमारी चिंताओं पर प्रकाश डाला। इस वर्ष, उन्होंने 2050 से अधिक बार युद्धविराम का उल्लंघन किया, जिसमें 21 भारतीयों की मृत्यु हो गई।'
बयान में कहा गया है, 'हमने बार-बार पाकिस्तान से आह्वान किया है कि वह अपने बलों से 2003 के संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति का पालन करने और नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहे। भारतीय बल अधिकतम संयम बरतते हैं और सीमा पार आतंकवादी घुसपैठ पर अकारण उल्लंघन और प्रयासों का जवाब देते हैं।'
सीजफायर का उल्लंघन करने पर भारतीय सेना भी जबरदस्त जवाब देती है, जिसका पाकिस्तान को भारी नुकसान होता है। भारतीय सेना पाकिस्तान सेना के साथ-साथ आतंकियों से भी कढ़ाई से निपटती है। इस साल के पहले आठ महीनों में भारतीय सेना द्वारा 139 आतंकवादी मारे गए। इसमें नियंत्रण रेखा के साथ-साथ राज्य के भीतरी इलाकों में सेना के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों की संख्या शामिल है।
जनवरी से अगस्त तक जम्मू एवं कश्मीर में कुल 87 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गईं। पाकिस्तान ने इस साल भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की ज्यादा कोशिश की है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन के मामले ज्यादा सामने आए हैं। 2018 में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर 1,629 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया था।