नई दिल्ली: फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले और फिर उसके भारत द्वारा पाकिस्तान में की गई एयरस्ट्राइक की वजह से दोनों देशों के संबंधों में काफी कड़वाहट आ गई। इसका असर दोनों देशों के लोगों पर भी पड़ा। लेकिन उन लोगों पर इसका असर ज्यादा पड़ा, जिन्होंने सीमा पार जाकर शादी की या जिनके रिश्तेदार दूसरे देश में हैं। राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर के तीन लोगों की कहानी ऐसी ही है।
'दैनिक भास्कर' की खबर के अनुसार, बाड़मेर-जैसलमेर के तीन दूल्हे ऐसे हैं, जिन्होंने जनवरी 2019 में पाकिस्तान के सिंध में शादी रचाई थी, लेकिन अगले ही महीने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और उनकी दुल्हनें पाकिस्तान में ही रह गईं। उन्हें वीजा नहीं मिल पा रहा है।
जैसलमेर के सगे भाई विक्रम सिंह और नेपाल सिंह थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए थे। विक्रम की शादी 22 जनवरी को और नेपाल सिंह की 26 जनवरी को शादी हुई। वहीं बाड़मेर के महेंद्र सिंह की शादी 16 अप्रैल को हुई। नेपाल की पत्नी एक बेटे की भी मां बन गई है।
मदद कर रही भारत सरकार
हालांकि अब भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में प्रयास शुरू हुए हैं। 9 फरवरी को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने महिलाओं को वीजा के लिए दस्तावेज जमा करने के लिए कहा। जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह बाद तक पाकिस्तान में दुल्हनों ने दस्तावेज जमा नहीं किए। कारण था कि वो हवाई मार्ग से यात्रा करने का खर्चा नहीं उठा सकते। विक्रम ने बताया, 'हमने फिर से केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से संपर्क किया है और उनसे आग्रह किया है कि वे सड़क मार्ग के माध्यम से अनुमति लेने (यात्रा करने) में हमारी मदद करें। यह एक बड़ी मदद होगी।' चौधरी ने कहा कि उन्होंने इन मामलों को मानवीय आधार पर लेने के लिए विदेश मंत्रालय को लिखा था। परिवार के सदस्यों ने वित्तीय कारणों का हवाला देते हुए सड़क मार्ग (वीज़ा) की व्यवस्था करने के लिए मुझसे फिर से संपर्क किया। मैं सभी संभव प्रयासों से परिवारों की मदद करने की कोशिश कर रहा हूं।