- अजीम प्रेमजी ने टीकाकरण में निजी क्षेत्र को शामिल करने की सलाह दी है
- प्राइवेट सेक्टर के आ जाने से टीकाकरण में तेजी आ जाएगी
- प्रेमजी ने 60 दिनों में 50 करोड़ लोगों को टीका लगाने की बात की है
नई दिल्ली: विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से देश के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को गति देने के लिए प्राइवेट को इसमें जोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को शामिल करने से देश को सिर्फ दो महीनों में कोरोना वायरस के खिलाफ 50 करोड़ टीकाकरण करने में मदद मिल सकती है।
प्रेमजी ने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर सरकार प्राइवेट इंडस्ट्री को जल्दी से जोड़ती है, तो हम निश्चिंत हो सकते हैं कि हम 60 दिनों के भीतर 500 मिलियन लोगों को वैक्सीन दे सकते हैं।' उन्होंने बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए वित्त मंत्री से कहा कि यह एक व्यावहारिकता है। उन्होंने कहा कि अगर निजी भागीदारी की अनुमति दी जाती है तो टीकाकरण की दर को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
400 रुपए में लगे वैक्सीन
प्रेमजी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीके रिकॉर्ड समय में विकसित किए गए हैं और अब कार्य उन्हें बड़े अनुपात में लगाना है। हालांकि अजीम प्रेमजी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सरकार अच्छा कर रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि निजी भागीदारी से टीकाकरण की दर में सुधार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'ऐसी संभावना है कि हम सीरम संस्थान को लगभग 300 रुपए प्रति शॉट के हिसाब से वैक्सीन की आपूर्ति करवा सकते हैं और अस्पताल, निजी नर्सिंग होम 100 रुपए प्रति शॉट के हिसाब से इसे दे सकते हैं। इसलिए 400 रुपए एक शॉट के साथ आबादी का सामूहिक टीकाकरण करना संभव है।'
सरकार मददगार, निजी क्षेत्र है वृद्धि का वाहक: सीतारमण
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार एक मददगार की भूमिका में है और निजी क्षेत्र वृद्धि का प्रमुख वाहक है, जिसके बिना देश एक बड़ा अवसर खो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात निजी क्षेत्र की भागीदारी है। जब तक निजी क्षेत्र में पर्याप्त ऊर्जा नहीं होगी, जब तक निजी क्षेत्र को पर्याप्त सुविधा नहीं दी जाएगी, तक तक भारत सिर्फ एक बहुत बड़ा अवसर खोता रहेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक कोरोना वायरस वैक्सीन का विकास सरकारी-निजी भागीदारी का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एक वैश्विक नेता के रूप में भारत अधिक मानवीय है, हर किसी को एक साथ लाने का इच्छुक है, शांतिपूर्ण है, जो वास्तव में सभी की भलाई के लिए दुनिया की तरक्की चाहता है।