- तीन साल में रोजगार की दिशा में खरी उतरी योगी सरकार
- बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के योग्यता को मिली तवज्जो
- 2022 तक लाखों युवाओं को रोजगार देने का बनाया लक्ष्य
Three years of Yogi Adityanath Government: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं। 19 मार्च 2017 को गोरखपुर से पांच बार भाजपा सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। योगी आदित्यनाथ को स्पष्ट बहुमत वाली सरकार का मुखिया चुना गया था लेकिन इसी के साथ उनकी चुनौतियां कम नहीं थीं। उनके हाथों में एक ऐसा प्रदेश आया था, जो बीते 15 साल से गैर भाजपा सरकार के हाथों में था।
योगी आदित्यनाथ से पहले समाजवादी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। उनसे पहले बहुजन समाज पार्टी की सुश्री मायावती और उनसे पहले सपा के मुलायम सिंह यादव के हाथों में प्रदेश की कमान थी। यह 15 साल युवाओं के लिए काफी जोखिम भरे थे। इन सरकारों में हुई भर्तियों में भारी अनियमिताएं बरती गई थीं और एक सरकार की भर्ती को दूसरी सरकार ने निरस्त कर दिया। यह बात छिपी नहीं कि इन सरकारों में नौकरी के नाम पर किस स्तर तक वसूली हुई और जाति विशेष को ध्यान में रखकर भी भर्ती की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमान संभालते ही मायवती और अखिलेश यादव की सरकार में हुई भर्तियों की जांच बिठाई और नियमों को ताक पर रखकर हुईं कई भर्तियों को तत्काल निरस्त किया। योगी सरकार ने तीन साल में रोजगार की दिशा में जो काम किया है, वह वाकई सराहनीय है। योगी सरकार का दावा है कि पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अपनाते हुए प्रदेश के 03 लाख अभ्यर्थियों को नौकरियां दी गयीं। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 3 लाख करोड़ का निवेश हुआ, जिसके माध्यम से 33 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।
पुलिस से लेकर राजस्व विभाग तक में मौके
इन तीन लाख नौकरियों में कहीं ये सुनने को नहीं मिला कि किसी भर्ती के लिए घूस की मांग की गई हो। भ्रष्टाचार मुक्त कार्यप्रणाली को लेकर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं और लगातार मॉनीटरिंग करते रहते हैं। वर्तमान में अगर भर्तियों की बात करें तो पुलिस भर्ती के तहत उत्तर प्रदेश में 5623 दरोगाओं/उप निरीक्षकों का चयन होगा। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं राजस्व विभाग में लेखपाल के 5200 रिक्त पदों पर प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। इन पदों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते साल हुई राजस्व परिषद की बैठक में भर्ती के निर्देश जारी कर दिये थे, लेकिन भर्ती में देरी हुई। अब जल्द ही शासन इस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करने वाला है।
युवाओं के लिए प्रशिक्षण योजना
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में कुल 353 पदों पर भर्ती होनी है। सरकार ने जिन पदों पर आवेदन मांगे हैं उनमें सहायक अभियंता (ट्रेनी), सहायक अभियंता (ट्रेनी) सिविल, अकाउंट अधिकारी (ट्रेनी), सहायक समीक्षा अधिकारी, स्टाफ नर्स, फार्मेसिस्ट और तकनीशियन ग्रेड- II के पद शामिल हैं। इन पदों पर आवेदन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ ₹2,500 का मासिक प्रशिक्षण भत्ता भी प्रदान किया जाएगा।
पारदर्शिता से जागा विश्वास
बीती सरकारों में भर्ती के दौरान बरती गईं अनियमितताओं से युवाओं के मन में जो भय था, वह योगी सरकार में कहीं ना कहीं दूर हुआ है। पारदर्शी चयन प्रक्रिया से युवाओं में विश्वास जगा है। युवा मेहनत कर रहे हैं, नौकरी के लिए प्रयास कर रहे हैं और उनकी योग्यता के अनुसार काम भी प्राप्त हो रहा है। योगी आदित्यनाथ के कहे अनुसार नौकरियों में बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के केवल योग्यता के आधार पर चयन हो रहा है।
डिस्क्लेमर: इस प्रस्तुत लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और टाइम्स नेटवर्क इन विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता है।