- निर्भया के दोषियों से जेल प्रशासन ने अंतिम बार परिवार से मिलने के बार में पूछा
- निर्भया के दोषियों में से एक विनय ने हाल ही में तिहाड़ जेल की दीवार में सिर मारकर खुद को किया था घायल
- चारों दोषियों को तीन मार्च मार्च को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाएगा
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चार दोषियों को तीन मार्च को फांसी पर लटका दिया जाएगा। कुछ दिन पहले ही अदालत ने नया डेथ वॉरंट जारी करते हुए आदेश दिया था कि चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाया जाए और तब तक लटकाये रखा जाए जब तक उनकी मौत न हो जाए। यह तीसरी बार था कि इन चारों के लिए अदालत से मृत्यु वारंट जारी किये गये।
तिहाड़ प्रशासन ने दोषियों से अंतिम बार पूछा
अब तिहाड़ जेल अधिकारियों ने चारों दोषियों से अंतिम बार परिवार से मिलने के बारे में पूछा। मुकेश और पवन ने बताया कि 1 फरवरी वाले डेथ वारंट से पहले ही वह अपने परिवार से मिल चुके हैं। अब अक्षय और विनय से पूछा गया है कि वह कब अपने परिवार से मिलना चाहते हैं। दरअसल जब से नया डेथ वॉरंट जारी हुआ है तब से सभी दोषियों पर जेल प्रशासन कड़ी नजर रखा रहा है। दोषियों के व्यवहार में भी बदलाव आया है और सबसे ज्यादा बदलाव विनय के व्यवहार में आया था जिसने हाल ही में जेल की दीवार पर सर पटककर खुद को घायल करने की कोशिश की थी।
तीन बार टल चुकी है फांसी की सजा
चारों दोषी फांसी के फंदे को टालने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। सबसे पहले फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। लेकिन 17 जनवरी के अदालत के आदेश के बाद इसे टालकर एक फरवरी सुबह छह बजे किया गया था। फिर 31 जनवरी को निचली अदालत ने अगले आदेश तक चारों दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी, क्योंकि उनके सारे कानूनी विकल्प खत्म नहीं हुए थे। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को जो तीसरा डेथ वारंट जारी किया था।
पवन कर चुका है खुद को घायल करने की कोशिश
निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने कुछ दिन पहले तिहाड़ जेल में अपनी कोठरी में दीवार पर सिर पटक कर खुद को घायल कर लिया। दरअसल दोषी फांसी की तारीख नजदीक आते ही बौखला से गए हैं और सजा टालने के लिए हर तिकड़म भिड़ा रहे हैं। इस दौरान पवन को मामूली चोट आई है और जेल परिसर में ही उसका उपचार किया गया था।
2012 में दिया था गैंगरेप को अंजाम
चारों आरोपियों ने 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसपर नृशंस हमला किया गया था। बाद में पीड़ता ने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसे लेकर देशभर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।