- अब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए
- साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं
- लोग न्यायोचित तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करें और इसकी बर्बादी रोकें
कोरोना संक्रमण के बढ़ती भयावहता पर रोज ही नई-नई बातें सामने आ रही हैं और लोगों में पैनिक क्रिएट हो रहा है, हालांकि सरकार के प्रयास इसके प्रसार को रोकने के लिए जारी हैं मगर रोज ही कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़कर सामने आ रहे हैं, इस सबके बीच सोमवार को नीति आयोग ने कहा, 'अब वक्त आ गया है, जब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं।'
सरकार का कहना है कि लोग न्यायोचित तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करें और इसकी बर्बादी रोकें, उसने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि कोविड-19 की मौजूदा स्थिति से लोग घबराएं नहीं, बेवजह की घबराहट से फायदे के बजाय नुकसान अधिक होता है भारत के पास पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध है, चुनौती उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाने की है।
सरकार ने लोगों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि अनावश्यक अफरातफरी से लाभ के बजाय नुकसान हो रहा है।टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उपयुक्त व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए सरकार ने सलाह दी है कि यह ऐसा समय है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनना चाहिए।
वीके पॉल ने कहा- डर या भय न फैलाएं, इससे हालात सुधरने की बजाए और बिगड़ सकते हैं उन्होंने कहा-कि रिसर्च बताती है कि अगर एक व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिंग न अपनाए तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
'डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए'
सरकार ने टीकाकरण अभियान की गति को तेज करने की पैरवी की और कहा कि महिलाएं माहवारी के समय टीके की खुराक ले सकती हैं।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कई लोग डर से अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, उन्होंने जोर दिया कि डॉक्टरों की सलाह पर ही अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी पर सरकार ने कहा है कि भारत में पर्याप्त चिकित्सकीय ऑक्सीजन उपलब्ध हैं लेकिन इसे अस्पतालों तक पहुंचाना चुनौती है।सरकार ने अस्पतालों से तर्कसंगत तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने को कहा है। मरीजों को रेमडेसिविर और टोसिलिजुमाब जैसी दवा भी तार्किक तरीके से लिखने पर जोर दिया है।
...तो वो शख्स 30 दिन में 406 लोगों को कर सकता है 'संक्रमित'
सरकार ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करे तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर संक्रमित व्यक्ति की गतिविधि 50 प्रतिशत तक थम जाए तो इस अवधि में केवल 15 लोग संक्रमित होंगे।
देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 14.19 करोड़ डोजें
वहीं गतिविधि 75 प्रतिशत तक घटने पर एक व्यक्ति 30 दिनों में 2.5 लोगों को संक्रमित कर सकता है। सरकार ने कहा कि समय आ गया है कि लोगों को घरों में भी मास्क पहनना चाहिए।
अग्रवाल ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 14.19 करोड़ खुराकें दी गयी हैं। इनमें से 45 साल से अधिक उम्र के 9.79 करोड़ लोगों को पहली खुराक और 1.03 करोड़ लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है।