- 1500 युवा स्लम सॉकर की यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बने हैं।
- स्लम सॉकर के कर्मचारियों की संख्या में 50% से अधिक पूर्व छात्र हैं।
- होमलेस विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
Amazing Indians Awards 2022:स्लम सॉकर के संस्थापक विजय बरसे की सफलता भी आसमान छूती कामयाबी है। हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म 'झुंड' को आपने देखा होगा कि किस तरह से फिल्म के नायक अमिताभ बच्चन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को फुटबॉल खेलेने के लिए प्रेरित करते हैं। दरअसल वो सिर्फ फिल्मी पटकथा नहीं है बल्कि जमीन पर जिस शख्स ने उस रूप को जिया और हजारों की संख्या में झुग्गियों में रहने वाले लड़कों की जिंदगी संवारी, वो नाम है विजय बरसे। स्लम सॉकर की पहलों ने स्लम इलाकों में रहने वाले लड़कों और उनके परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। स्लम सॉकर के अभियान में औपचारिक शिक्षा के महत्व को समझने और समझाने पर बल दिया गया और उसका असर भी नजर आता है। अधिकांश ड्रॉप आउट छात्रों ने अपनी शैक्षणिक यात्रा फिर से शुरू की। यही नहीं स्लम सॉकर के छात्रों ने ना सिर्फ प्रशिक्षण हासिल किया बल्कि उनके लिए बेहतर रोजगार हासिल करने में भी कामयाब हुए।
क्या है स्लम सॉकर
स्लम सॉकर नागपुर और 'स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट' (S4D) नाम की एनजीओ एसडीजी 3, 4, 5, और 10 में लक्ष्यों के लिए अपने कार्यक्रमों को तैयार करके ढांचागत कमियों को दूर कर रहा है। ये कार्यक्रम वंचित समाज के बच्चों और युवाओं को सकारात्मक राह दिखा रहे हैं। फुटबॉल के शानदार खेल के जरिए सीखना और खुद को बेहतरीन बनाना इसका मकसद है। स्लम सॉकर के कर्मचारियों की संख्या में 50 फीसदी से अधिक पूर्व छात्र हैं। वर्षों से उनके प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया है। 2002 से शुरू होकर स्लम सॉकर ने 200 से अधिक युवाओं, लड़कों और लड़कियों को होमलेस विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम बनाया है, जहां 60 से अधिक देश सालाना भाग लेते हैं।
विश्व कप में किया प्रतिनिधित्व
2008 के बाद से 1500 युवा (90 दिव्यांग युवाओं सहित) स्लम सॉकर पहल के तहत प्रभावी यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बने हैं और सामुदायिक नेतृत्व की भूमिकाओं का निभाने के लिए आगे आए हैं। वंचित और हाशिए पर जो युवा थे उन्हे दो दशकों से अधिक समय तक S4D कार्यक्रमों के तहत ना सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय 'स्पोर्ट्स फॉर डेवलपमेंट' सर्किलों में महत्ता मिली है। खेल को बढ़ावा देने वाले सर्वश्रेष्ठ एनजीओ के तौर स्लम सॉकर को फीफा डायवर्सिटी अवार्ड, फिक्की इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड से विशेष प्रशंसा मिली है।