- पश्चिम बंगाल में कोरोना के कुल 392 मरीज
- पश्चिम बंगाल से लॉकडाउन उल्लंघन की खबरे आती रही हैं
- पश्चिम बंगाल समेत 6 राज्यों में केंद्र की तरफ से भेजी गई है टीम
नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना के मामले 18 हजार के पार हैं। इस हालात से निपटने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन है। लेकिन कुछ राज्यों से तस्वीर आई कि वहां इसका पालन नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए 6 राज्यों में केंद्रीय टीम भेजा है। लेकिम तृणमूल कांग्रेस को केंद्र सरकार के इस फैसले पर ऐतराज है। टीएमसी का कहना है कि आखिर वो कौन से मानक बनाए गए हैं, क्योंकि जिन 6 राज्यों का चयन किया गया है उसमें ज्यादातर गैर बीजेपी राज्य हैं।
केंद्रीय टीम का ममता सरकार पर आरोप
केंद्रीय टीम के एक सदस्य अपूर्व चंद्रा का कहना है कि वो लोग सोमवार को कोलकाता आ चुके थे। राज्य सरकार से लगातार सहयोग देने की बात की जा रही है। एक दिन से ज्यादा समय बीत चुका है। अभी तक हम सिर्फ नाबाना और एनआईसीईडी का दौर कर पाए हैं।
केंद्रीय टीम भेजे जाने पर ममता सरकार को ऐतराज
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि कोई भी शख्स जो बंगाल आकर मदद करना चाहता है उसका स्वागत है। लेकिन जिस तरह से सलेक्टिव तरीके से बंगाल को निशाना बनाया जा रहा है उसका विरोध करते हैं। लेकिन जानबूझकर किसी राज्य सरकार को परेशना करने की नीयत से टीम भेजी जा रही है तो परेशानी आपको भी होगी।
गैर बीजेपी शासित राज्यों को बनाया गया निशाना
अगर केंद्रीय टीम राज्य सरकार को बिना सूचित किए दुस्साहसिक पर्यटन पर आना चाहती है, या आने के तीन घंटे के बाद आप राज्य के सीएम और डेढ़ घंटे बाद चीफ सेक्रेटरी को जानकारी देते हैं तो यह क्या हो रहा है। आखिर यह संघवाद की अवधारणा के तो खिलाफ है। डेरेक ओ ब्रायन कहते हैं कि यह जानना तो राज्य सरकार का हक है कि आखिर कि प्रक्रिया के तहत टीम भेजे जाने का फैसला किया गया। वो कहते हैं अगर मामला लॉकडाउन उल्लंघन का ही है तो बीजेपी की सरकारों में भी हो रहा है तो उन राज्यों में टीमें क्यों नहीं भेजी जा रही हैं।