- 'महत्वाकांक्षी हो चले थे शुभेंदु अधिकारी, सीएम या डिप्टी सीएम बनना चाहते थे'
- सौगत रॉय बोले- सीएम या डिप्टी सीएम बनना चाहते थे शुभेंदु अधिकारी
- बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज
कोलकाता। गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले वहां के राजनीतिक गलियारों से बड़ी खबर शुभेंदु अधिकारी के रूप में थी। शुभेंदु अधिकारी विधानसभा पहुंचे और टीएमसी एमएलए पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद उनके अगले कदम के बारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। बीजेपी के कद्दावर नेताओं की तरफ से बयान आया कि टीएमसी में कार्यकर्ता घुटन महसूस करते हैं। उसके बाद ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी बरगद की पेड़ की तरह है जिसकी जड़ें बेहद मजबूत है। लेकिन टीएमसी के कद्दावर नेता सौगत रॉय ने कहा कि शुभेंदु की महत्चाकांक्षा बहुत बड़ी थी।
महत्वाकांक्षी हो चले थे शुभेंदु अधिकारी
टीएमसी के सौगत राय ने कहा कि हमने 1 दिसंबर को उनसे (सुवेन्दु अधिकारी) बात की, लेकिन 2 दिसंबर को उन्होंने सूचित किया कि हम साथ काम नहीं कर सकते। उस दिन हमने उससे बात न करने का फैसला किया। ममता बनर्जी और पार्टी इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होने के बाद हम उनकी महत्वाकांक्षा को पूरा नहीं कर सकते हैं।
टीएमसी को धोखा दिया
शुभेंदु अधिकारी 5-6 जिलों का नियंत्रण चाहते थे जो संभव नहीं था। उन्होंने कभी नहीं बताया लेकिन वह सीएम या डिप्टी सीएम बनना चाहते थे। मुझे जानकारी है कि सुवेंदु बीजेपी में शामिल होंगे। ऐसा लगता है कि परीक्षण के दिनों में, कमजोर और लालची लोग पार्टी छोड़ देते हैं।सुवेंदु अधिकारी ने पार्टी को धोखा दिया है। 2 बार पार्टी के सिंबल पर राज्यसभा और लोकसभा सीटें जीतने के बाद और 4.5 साल के लिए मंत्री रहने के बाद, राज्य चुनाव से ठीक 6 महीने पहले पार्टी छोड़ देना विश्वासघात है। अगर वह टीएमसी छोड़ना चाहता था, तो उसे 2 साल पहले छोड़ देना चाहिए।