- कोरोना वायरस अब तक भारत समेत दुनिया के लगभग 200 देशों में दे चुका है दस्तक
- भारत में कोरोना संक्रमण के मामले एक हजार को पार कर गए हैं
- इस वायरस की वजह से 27 की हुई मौत, 95 लोग ठीक होकर जा चुके हैं घर
नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के मामले एक हजार को पार कर गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2 देश में इसके मरीजों कुल संख्या 1024 हो गयी है। इस जानलेवा वायरस की वजह से देश में 27 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 95 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के मामलों की संख्या में 106 की वृद्धि हुई और इस अवधि में छह मौतें हुईं। नये संक्रमित मामलों में स्पाइसजेट का पायलट भी शामिल है जिसने विदेश की कोई यात्रा नहीं की है। साथ ही नये मामले नोएडा तथा बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सामने आये हैं।
सरकार ने दिए सीमाएं सील करने के आदेश
इससे पहले केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों द्वारा कोरोना वायरस के सामुदायिक संचरण को रोकने के लिए रविवार को देशभर में राज्य और जिलों की सीमाओं को सील करने का आदेश दिया था। सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे 14 दिन क्वारंटीन में रहना पड़ेगा। दरअसल लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद से ही बड़े शहरों से प्रवासी कामगारों का पलायन जारी है। ये कामगार बेरोजगार होने के बाद अपने गाँव लौटना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने कही ये बात
इससे पहले रविवार को पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए कहा 'कोरोनावायरस से लड़ने वाले अनेक योद्धा अपने घरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि अपने घरों के बाहर हैं। ये हमारी अग्रिम पंक्ति के सैनिक हैं- खासकर ड्यूटी पर तैनात हमारे भाई-बहन जैसे नर्स, डॉक्टर और अर्द्ध चिकित्सा कर्मचारी (पैरामेडिकल स्टाफ)। मैंने उनकी सेवा के लिए आभार व्यक्त करने और उनके उत्साह को बनाए रखने के लिए उनमें से कुछ के साथ बातचीत की। उनकी ईमानदारी और प्रतिबद्धता को देखकर मुझे अपना उत्साह बढ़ाने में मदद मिली।'
नियमों का कड़ाई से हो पालन
सरकार ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया था कि शहरों या राजमार्गों पर लोगों की आवाजाही न हो और बंद का कड़ाई से कार्यान्वयन हो। 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 21 दिवसीय राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान केवल आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में शामिल लोगों और माल की आवाजाही की अनुमति है।
राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें बंद की अवधि के दौरान उनके कार्यस्थल पर मजदूरों को मजदूरी का बिना किसी कटौती के समय पर भुगतान हो।