- ओमीक्रान वायरस में भारत में संक्रमित मिले दो लोग, कर्नाटक में मिले दोनों केस
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों व्यक्तियों में संक्रमित के हल्के लक्षण मिले हैं
- इन दोनों व्यक्तियों के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटीन में भेजा गया
नई दिल्ली : कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रान ने भारत में दस्तक दे दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में ओमीक्रान के दो केस मिले हैं। ये दोनों केस कर्नाटक में सामने आए हैं। इस वायरस से 66 और 46 साल के दो लोग संक्रमित मिले हैं। इन दोनों लोगों के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटीन में भेजा गया है। संवाददाता सम्मोलन को संबोधित करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि कर्नाटक में ओमीक्रॉन से संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। हमें डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन का पालन करने के साथ-साथ मास्क पहनने, हाथ धोने के अपने अनुशासन को आगे भी जारी रखना है। जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लगवाया है वे जल्द से जल्द अपनी टीके की खुराक लें।
आरटीपीसीआर टेस्ट से डिटेक्ट हो सकता है ओमीक्रान वायरस
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा क्षेत्र ने इलाज में जिस पद्धति को अपनाया वही तरीका ओमीक्रान पर भी लागू होगा। पॉल ने बताया कि आरटीपीसीआर एवं जिनोम सिक्वेसिंग के जरिए ही ओमीक्रॉन के इन दो केसों की पहचान हुई है।
बूस्टर डोज पर अध्ययन जारी-स्वास्थ्य मंत्रालय
यह पूछे जाने पर कि संक्रमण के दोनों केस किस देश से आए। इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि निजता को देखते हुए हम इन दोनों केस के ब्योरे जारी नहीं कर सकते। इन दोनों पॉजिटिव मामलों में संक्रमण के लक्षण हल्के हैं। देश में बूस्टर डोज देने की बढ़ती मांग पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय इस पर अभी अपना अध्ययन कर रहा है। डॉक्टर सुरजीत सिंह ने कहा कि इन दोनों व्यक्तियों के संपर्क में जितने भी लोग आए थे उन्हें क्वारंटीन में रखा गया है और उनकी निगरानी की जा रही है।
यूरोप के कई देशों में संक्रमण के मामलों में आई तेजी
ओमीक्रान पर डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी गाइडलाइन के बारे में जानकारी देते हुए लव अग्रवाल ने बताया कि ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम सहित यूरोप के जिन देशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है उसकी एक बड़ी वजह कोरोना प्रोटोकॉल्स के पालन में बरती गई नरमी है। साथ ही यूरोप के कई देशों में टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। इस वजह से भी इन देशों में संक्रमण की संख्या बढ़ी है। लव अग्रवाल ने कहा कि अपने यहां भी हमें मास्क पहनने, हाथ की स्वच्छता पर देना होगा। हमें सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी कड़ाई से करना है। थोड़ी सी लापरवाही या नरमी स्थिति को बिगाड़ सकती है।
डेल्टा से 5 गुना ज्यादा संक्रामक हो सकता है यह वैरिएंट
अग्रवाल ने डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा कि ओमीक्रान के पहले दो केस 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका और फिर बोत्सवाना में मिले। अब तक यह वायरस 29 देशों में फैल चुका है और इसके 373 मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि यह वायरस डेल्टा वैरिएंट से पांच गुना ज्यादा संक्रामक हो सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता एवं सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने पर जोर दे रहे हैं।