- NIA की टीम ने उदयपुर पहुंचकर जांच शुरू की
- सीएम गहलोत का बयान-UAPA के तहत केस दर्ज
- कराची जा चुका है हत्यारा गौस मोहम्मद: राजस्थान के डीजीपी
राजस्थान के DGP ने बताया है कि उदयपुर के कन्हैया की हत्या का आरोपी गौस मोहम्मद 2014 में कराची गया था। वो दावत-ए-इस्लामी के कार्यक्रम में शामिल हुआ था। डीजीपी ने कहा कि हम इसे (सिर काटने की घटना) आतंकी कृत्य मान रहे हैं। NIA को जांच सौंपी गई है, जांच में राजस्थान पुलिस NIA की मदद करेगी। एएसआई और एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने इस घटना के होने से पहले पीड़ित क्षेत्र में पहले से ही ध्रुवीकृत स्थिति को शांत करने के लिए आवश्यक कार्रवाई नहीं की थी। डीजीपी एमएल लाठेर ने कहा कि अब तक दो लोग मुख्य आरोपी हैं। उनके अलावा, हमने तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया है, जिनके साथ वे संपर्क में थे। NIA ने कन्हैया मर्डर केस में दोबारा केस दर्ज किया है। एनआईए ने UAPA के तहत केस दर्ज किया है। यूएपीए की धारा- 16, 18 और 20 के तहत FIR दर्ज की गई है। मामले की जांच के लिए मौके पर NIA टीम पहुंची। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर जांच के लिए पहुंची। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि UAPA के तहत केस दर्ज है। राजस्थान ATS भी जांच में मदद करेगी।
सीएम गहलोत ने कहा कि उदयपुर की घटना में शामिल आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों श्री तेजपाल, श्री नरेन्द्र, श्री शौकत, श्री विकास एवं श्री गौतम को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का फैसला किया है।
कन्हैयालाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़ उमड़ी, हर किसी की जुबान पर था की कन्हैयालाल के हत्यारों को फांसी दी जाए। कन्हैलाल के जाने के बाद परिवार की बेहद भावुक तस्वीरें भी सामने आईं। पत्नी से लेकर मां तक रोती-बिलखती दिखीं। वहीं मुखाग्नि देने वाले बेटे ने पिता को लेकर सरकार से इंसाफ की मांग की है। TIMES NOW नवभारत से खास बातचीत में कन्हैया के परिवार ने कहा कि कन्हैया को मारने की धमकी दी जा रही थी। सुरक्षा मांगने के बावजूद सुरक्षा नहीं दी गई। उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से की गई हत्या के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पूरे रिश्तेदार मातम में डूबे हुए हैं।
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घटना के बाद से राज्य की गहलोत सरकार सवालों के घेरे में है। मामले में सियासी बयानबाजी भी चरम पर है। 15 जून को ही कन्हैया लाल ने अपनी हत्या की आशंका जता दी थी। कन्हैया ने सुरक्षा और कार्रवाई के लिए उदयपुर की धानामंडी में शियाकत पत्र भी दिया था।