राजनीतिक संकट झेल रहे उद्धव ठाकरे के सारे रास्ते क्या बंद होते जा रहे हैं ?शिवसेना के ज्यादातर विधायकों को अपने कैंप में शामिल करा चुके एकनाथ शिंदे क्या कानूनी लड़़ाई में भी उद्धव ठाकरे पर भारी पड़ते दिख रहे हैं । ये गंभीर सवाल इसलिए क्योंकि 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य करने का उद्धव का दांव सुप्रीम कोर्ट में उल्टा पड़ता नजर आ रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को मोहलत दे दी और कहा कि 12 जुलाई तक वो डिप्टी स्पीकर को जवाब दे सकते हैं । पहले ये वक्त आज शाम साढ़े पांच बजे ही खत्म हो रहा था । मतलब 12 जुलाई तक ये विधायक अयोग्य घोषित नहीं किए जा सकेंगे।
इसलिए सवाल पब्लिक का है कि उद्धव के सामने अब विकल्प क्या है?
क्या उन्हें मौजूदा समीकरणों के बीच ही फ्लोर टेस्ट में जाना होगा? या फिर इस्तीफा देने को वो मजबूर होंगे? शिवसेना में पहले भी विद्रोह हुए हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि ठाकरे परिवार बैकफुट पर नजर आ रहा है, एक ओर एकनाथ शिंदे शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं..तो दूसरी ओर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे के दांव को जो चुनौती दी उसे शुरुआती सफलता मिलती दिख रही है ।
सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे कैंप के 39 विधायकों और उनके परिवार के जान-माल की सुरक्षा का आदेश भी महाराष्ट्र सरकार को जारी कर दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 3 दिनों में अपना पक्ष रखने को कहा है और कोर्ट अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगा।
कोर्ट के इस आदेश के बाद शिंदे कैंप की खुशी छिपाए नहीं छिप रही है। ठाणे में एकनाथ शिंदे के घर के बाहर उनके समर्थकों ने जश्न मनाया है। सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की कोर्ट में सुनवाई हुई ।शिंदे कैंप के विधायकों का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने नबाम रेबिया केस का हवाला दिया।नीरज किशन कौल ने कहा -डिप्टी स्पीकर कैसे अयोग्यता की नोटिस पर सुनवाई कर सकते हैं ?नबाम रेबिया केस में साफ हो चुका है कि जो स्पीकर खुद अविश्वास प्रस्ताव झेल रहा हो वो ऐसी नोटिस पर फैसला नहीं कर सकता।
उद्धव कैंप की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील पेश की
2016 में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने अरुणाचल प्रदेश के मामले में नबाम रेबिया केस का फैसला सुनाया था।नीरज किशन कौल ने अपनी दलीलों में ये भी कहा कि वो फ्लोर टेस्ट क्यों नहीं करा रहे? शिंदे कैंप की दलीलों के बाद उद्धव कैंप की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील पेश की।
सिंघवी ने कोर्ट की सुनवाई के अधिकार को ही चुनौती दे दी। उन्होंने कहा कि स्पीकर के फैसले तक सुप्रीम कोर्ट फैसला नहीं ले सकता।सिंघवी ने ये भी सवाल उठाया कि बागी विधायक हाईकोर्ट क्यों नहीं गए..सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यो आए हैं ? लेकिन इन दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि यहां पर डिप्टी स्पीकर के बने रहने पर सवाल है और खुद के मामले में स्पीकर जज नहीं बन सकते ।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को नोटिस देकर उनसे जवाब मांग लिया।
SC के फैसले के बाद उद्धव के सामने ऑप्शन ? - फ्लोर टेस्ट में जाएंगे..इस्तीफा देंगे ?
SC के फैसले के बाद शिंदे के सामने ऑप्शन ? - फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे या गवर्नर स्वत: संज्ञान लेंगे ?
बागी MLA गुवाहाटी से क्यों नहीं आ रहे ? नंबर कितने हैं क्या हैं ?
फ्लोर टेस्ट हुआ तो अब नंबर किसके पास कितना है..इसमें तीन जो और जाने वाले हैं वो भी जोड़ेंगे ( ये क्रोमा पर शूट होगा..2 से 2.5 मिनट )
फ्लोर टेस्ट डिप्टी स्पीकर करवाएंगे या प्रोटेम स्पीकर के लिए वोटिंग हो सकता है क्या..इस सवाल जा जवाब ग्राफिक्स में
सवाल पब्लिक का-
सवाल नंबर 1
उद्धव के सामने विकल्प क्या बचा है...फ्लोर टेस्ट या इस्तीफा ?
सवाल नंबर 2
क्या शिवसेना की लड़ाई में उद्धव पर शिंदे का पलड़ा भारी हो गया है?
सवाल नंबर 3
शिवसेना के संकट में बीजेपी अब खुलकर मैदान में आएगी?