- बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने की थी उद्धव से बंद कमरे में मुलाकात
- मुलाकात को लेकर अभी तक सामने नहीं आया है कोई सार्वजनिक ब्यौरा
- उद्धव और मुनगंटीवार की मुलाकात के बाद कयासों का दौर हुआ शुरू
मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज और महाविकास अघाड़ी सरकार की अगुवाई कर रही शिवसेना, कभी बीजेपी की सहयोगी हुआ करती थी लेकिन अब दोनों के रिश्ते बेहद तल्ख हो चुके हैं। इन सबके बीच ऐसा लग रहा है कि दोनों दलों के बीच पैदा हुई खाई को पाटने की भी कोशिशें शुरू हो गई हैं। इसकी एक झलक उस समय देखने को मिलती जब राज्य के पूर्व वित्त मंत्री तथा बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सीएम उद्धव ठाकरे के साथ बंद कमरे में करीब आधे तक बैठक की।
कयासों का दौर शुरू
शिवसेना को अक्सर निशाने पर लेने वाले मुनगंटीवार ने सरकारी गेस्ट हाउस में शिवसेना प्रमुख के साथ करीब आधे घंटे तक मुलाकात की जिसके बाद से ही अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई इसका ब्यौरा नहीं मिल सका है। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच आगामी बजट तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। लेकिन राजनीतिक गलियारों में मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं।
मुनगंटीवार ने दिया बयान
मुनगंटीवार से जब मुलाकात के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने ज्यादा कुछ बताने से इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि उद्धव ठाकरे दिवंगत बाल ठाकरे के सुपुत्र हैं जो सोनिया गांधी के दवाब में नहीं आएंगे। मुनगंटीवार ने कहा, 'जिन्हें जो अटकलें लगानी हों वो लगाते रहे। शिवसेना हमारी अंतिम सांस तक चलने वाली दुश्म पार्टी नहीं है। वो यह कहते हुए गठबंधन से बाहर निकल गए थे कि वे 25 साल से भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। लेकिन एक दिन वे हमारे साथ वापस आ गए। अब आइए देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है।'
इसलिए महत्वपूर्ण है मुलाकात
सुधीर मुनगंटीवार और उद्धव की मुलाकात को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पिछले महीने ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के जिन तीन नेताओं को दिल्ली में मुलाकात के लिए बुलाया था उनमें राज्य बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, देवेंद्र फडणवीस के अलावा मुनगंटीवार भी शामिल थे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई और आगामी जिला परिषद के निकाय चुनाव को लेकर चर्चा हुआ। मुनगंटीवार बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और इन दिनों उनको पार्टी में मिल रही अहमियत की चर्चा हर तरफ हो रही है।