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तब्लीगी जमात पर बोले उद्धव ठाकरे- दिल्ली में जो कुछ भी हुआ हमने उसे महाराष्ट्र में होने नहीं दिया

Updated Apr 04, 2020 | 16:12 IST

Tablighi Jamaat: तब्लीगी जमात पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि दिल्ली की तरह हमने महाराष्ट्र में इस कार्यक्रम को नहीं होने दिया।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली: पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुई तब्लीगी जमात ने कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर करने का काम किया है। देश-विदेश से हजारों लोगों ने इसमें शामिल हुए, जो कि बाद में देश के अलग-अलग हिस्सों में चले गए। अब इनमें से कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा रहे हैं। अब इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरह हमने महाराष्ट्र में तब्लीगी जमात समारोह को नहीं होने दिया।

उन्होंने कहा, 'दिल्ली में जो कुछ भी हुआ हमने उसे महाराष्ट्र में होने नहीं दिया। इसकी (तब्लीगी जमात इवेंट) पहले अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में स्थिति को देखते हुए हमने अनुमति से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने अब उन सभी का पता लगाया है जो हमारे राज्य से दिल्ली कार्यक्रम में गए थे।' 

17 राज्यों से तब्लीगी जमात से जुड़े कोरोना के मामले सामने आए हैं। उन 1023 लोगों को अभी तक कोरोना हुआ है, जो तब्लगी जमात में उपस्थित हुए थे। जबकि भारत में कुल कोरोना के मामले 2902 हैं।

गलत संदेश देने वालों को चेतावनी
मुख्यमंत्री ने उन लोगों को भी कड़ी कार्रवाई चेतावनी दी जो सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी संदेश फैलाते हैं। ठाकरे ने कहा, 'COVID-19 वायरस की तरह, एक सांप्रदायिक वायरस भी है। मैं उन लोगों को चेतावनी दे रहा हूं, जो नागरिकों को गलत संदेश फैला रहे हैं और ऐसे वीडियोज मजे के लिए भी अपलोड कर रहे हैं। यह कोरोना वायरस कोई धर्म नहीं देखता है।'

ठाकरे ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद हटेगा या नहीं, यह लोगों द्वारा सरकारी निर्देशों के अनुपालन पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक, धार्मिक या खेलकूद से जुड़े कार्यक्रमों की अगले नोटिस तक इजाजत नहीं होगी ताकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर लोगों का आपस में मिलना-जुलना न हो।

कोरोना के मामले आने के बाद रद्द की अनुमित
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के वसई में तब्लीगी जमात का कार्यक्रम होना था, हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने अंतिम क्षण में आयोजन के लिए आयोजकों को दी गई अनुमति को रद्द कर दिया। इस समारोह में 50 हजार लोगों के उपस्थित होने की उम्मीद थी। ये 12-13 मार्च को होना था। आयोजकों ने 22 जनवरी को आयोजन की अनुमति मांगी थी। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि तब्लीगी जमात को 6 फरवरी को अनुमति दी गई थी। हालांकि, राज्य सरकार ने एक महीने बाद 6 मार्च को राज्य में कोरोनो वायरस के 2 मामले सामने आने के बाद इसकी अनुमति को रद्द कर दिया।  

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