- उज्जैन में 21 साल की लक्षिका डागर ने जीता पंचायत चुनाव
- सबसे कम उम्र की सरपंच बनने का बनाया रिकॉर्ड
- लक्षिका के खिलाफ 8 महिला उम्मीदवार थीं चुनावी मैदान में
उज्जैन (मध्य प्रदेश): उज्जैन की रहने वाली 21 वर्षीय लक्षिका डागर ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में शानदार जीत हासिल कर इतिहास रचा है। लक्षिका ने मध्य प्रदेश में सबसे कम उम्र की सरपंच (एक गांव की मुखिया) बनने का गौरव हासिल किया है। संयोग से, लक्षिका ने अपने जन्मदिन से एक दिन पहले मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच होने का मुकाम हासिल किया है। चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही गांव में जश्न का माहौल बन गया। लक्षिका के घोषणापत्र पर मतदाताओं ने आशीर्वाद दिया।
8 महिला उम्मीदवारों के बीच हासिल की जीत
ग्राम पंचायत चिंतामन जवासिया में सरपंच पद के लिए गांव की आठ महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। उम्मीदवारों में लक्षिका सबसे कम उम्र की उम्मीदवार थीं। लक्षिका ने सभी उम्मीदवारों को हराकर 487 मतों से जीत हासिल की। लक्षिका की पढ़ाई लिखाई की बात करें तो उनके पास जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा है और वह उज्जैन में रेडियो जॉकी और पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इसके अलावा वह न्यूज एंकरिंग भी कर चुकी हैं।
किए हैं ये वादे
लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भरतपुरी में रीजनल अधिकारी के पद पर तैनात हैं। नवनिर्वाचित सरपंच ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद, मेरा उद्देश्य गांव के विकास के लिए काम करना था। घोषणापत्र में वादा किया गया है कि गांव में पेयजल, नाली और स्ट्रीट लाइट की समस्या को हल करना है। इसके साथ ही, चिंतामन जवासिया के गांव के बेघर परिवारों को आवास योजना का लाभ दिलाने का वादा पूरा किया जाएगा।' आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में शनिवार को 77 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।
Madhya Pradesh Panchayat Election: मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में 3135 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए