नई दिल्ली: 7 जुलाई की शाम को केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हाल में हुईं कई बैठकों के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की चर्चा तेज हो गई थीं। सूत्रों ने बताया कि नड्डा पिछले एक महीने से लगातार प्रधानमंत्री आवास पर आ रहे थे।
प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल आरंभ करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शपथ ग्रहण समारोह होगा। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी तक किसी ने पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद में विस्तार व फेरबदल से पहले बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठक करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक बिहार से चार मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावना है। न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में जनता दल (यूनाइटेड) से 2, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) से एक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से एक को शामिल किया जा सकता है। इससे पहले बीजेपी के सूत्रों ने कहा था कि पार्टी जल्द ही नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में अपने कुछ प्रमुख नेताओं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सदस्यों को शामिल कर सकती है।
मोदी कैबिनेट में असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कई वरिष्ठ नेताओं को भी जगह दिए जाने की भी अटकलें हैं। हाल ही में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की थी। शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन से बाहर होने और एलजेपी के रामविलास पासवान के निधन के कारण मंत्रिमंडल में कई पद खाली हैं।
पार्टी सूत्रों ने पहले कहा था कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे कई प्रमुख राज्यों के नेताओं को भी विस्तार में शामिल किए जाने की उम्मीद है क्योंकि भाजपा का लक्ष्य भविष्य में इन राज्यों में विस्तार करना है।