नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति पर प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार नजर रखे हुए है। रविवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने इस पर आपातकालीन बैठक की और सोमवार को उन्होंने समीक्षा बैठक की। अब मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की व्यवस्था में हुई प्रगति की समीक्षा की।
पीएमओ की तरफ से कहा गया है, 'यह देखा गया कि पंजाब और हरियाणा में फसल के जलने के मामले अभी भी जारी हैं और इस पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।'
PMO ने कहा कि इन राज्यों को निर्देशित किया गया है कि उल्लंघन करने वालों को उचित दंड लगाकर अधिक निगरानी टीमों को मैदान पर तैनात किया जाना चाहिए। राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया है कि वे भविष्य में किसी भी आपातकाल से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
प्रदूषण की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उत्तरी भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा हुई।'
सोमवार को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में पड़ोसी राज्यों के साथ हुई बैठक में स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की गई। इस दौरान पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने की घटनाओं पर की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछा गया। बैठक के बारे में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मिश्रा ने पंजाब और हरियाणा सरकार को पिछले 24 घंटों में पराली जलाने से रोकने के लिये की गई कार्रवाई का ब्योरा देने को कहा। इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्य सचिव ने बताया कि उनके राज्य में पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। बैठक में केबिनेट सचिव, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, पर्यावरण सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष, मौसम विभाग के महानिदेशक और कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।